टूर्नामेंट में भाग लेेने वाले सभी बच्चे क्यों नहीं भेजे गए घर ?

रोजाना24,चम्बा :- होली में जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचे करीब एक हजार बच्चों में से आज केवल आठ खंडों भरमौर,गरोला,पांगी,मैहला,हरदासपुरा,चम्बा,कियाणी, के 480 बच्चों व अध्यापकों को आज उनके घर रवाना कर दिया गया.जबकि सात खंडों चुवाड़ी,सिहुंता,बनीखेत तीसा, कलेहल,सलूणी व सुंडला के 737 बच्चों व अध्यापकों को कल सुबह होली से रवाना कर दिया जाएगा.बच्चों की अधिक संख्या होने के कारण न तो पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था हो पाई वहीं शाम ढल आने के कारण शेष सात खंडों के बच्चों को समय पर घर तक नहीं पहुंचा जा सकता था.इसलिए शेष बच्चों को कल सुबह रवाना किये जाने की व्यवस्था की जा रही है.

वर्षा के कारण इन नन्हें खिलाड़ियों को पांच अतिरिक्त दिन होली में गुजारने पड़े.प्रशासन,लोनिवि व एनएच प्राधिकरण के प्रयासों भरमौर होली व चम्बा सड़क मार्ग को मात्र दो दिन में ही बहाल कर दिया गया.अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथीपाल सिंह ने कहा कि होली में रुके सभी बच्चों को सकुशल उनके अध्यापकों के साथ अपने घर रवाना कर दिया गया है.उन्होंने कहा कि लोनिवि व एनएच प्राधिकरण ने सड़क मार्ग को खोलने के लिए अपने बेहतरीन प्रयास किए जिस कारण बच्चों को उनके घर भेजा जा सका.सभी बच्चों को खाने पीने,रहने की व्यवस्था चिकित्सीय निगरानी में हो रही थी.

होली से अपने अपने घरों के लिए निकले इन बच्चों में से मात्र बड़ग्रां पंचायत के बच्चेबच्चे आज अपने घर नहीं पहुंच पाएंगे.होली से उन्हें भरमौर मुख्यालय लाया गया है.जहां ग्राम पंचायत भरमौर ने अपने यात्री निवास में ठहराया है.प्राथमिक स्कूल अध्यापक संघ के प्रधान सुरिंदर पटियाल की देखरेख में बड़ग्राम पंचायत की ग्यारह बच्चियों को भरमौर भरमौर मुख्यालय पहुंचाया गया.सुरिंदर पटियाला ने कहा कि भरमौर बड़ग्रां सड़क मार्ग अभी बंद है जिस कारण बच्चों को भरमौर में ठहराया गया है.बच्चों के अभिभावकों को संदेश भेज दिया गया है.कल सुबह सभी बच्चों को उनके अध्यापक व अभिभावकों के साथ बड़ग्रां रवाना कर दिया जाएगा.उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बच्चों के टूर्णामेंट समाप्त होने के बाद ज्यादा संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों की देखभाल के लिए व्यवस्थाएं तैयार कीं.उन्होंने विधायक जिया लाल द्वारा सड़क मार्ग को जल्द बहाल करवाने व बच्चों के खाने पीने की व्यवस्था करवाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिले भर के बच्चों के अभिभावक भले ही उनके लिए परेशान हो रहे थे लेकिन बच्चों को यहां घर से ज्यादा सुरक्षा व सुविधा प्रदान करवाई गईं थीं.