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कार्य दिवस पर भी स्वास्थ्य केंद्र दिखा बंद तो ग्रामीणों ने जड़ दिया एक और ताला !

चम्बा- : आखिर कब तक समस्याएं सहते, सहनशीलता की भी तो सीमा होती है.ग्राम पंचायत दुर्गेठी में पिछले तीन वर्षों से स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार ने न तो चिकित्सक व न ही फार्मसिस्ट नियुक्त किया.ईलाज के अभाव में जब बच्चे की जान ही चली गई तो लोगों के सब्र का बांध भी टूट गया.

पिछले दिवस 17 अगस्त को पंचायत के दुर्गेठा गांव के कुलदीप व सुनीता शर्मा के नवजात शिशु की तबीयत बिगड़ गयी. जिसकी जांच करवाने के लिए वे उसे दुर्गेठी स्थित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले आए.लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका हुआ था.आस पास पूछने पर उन्हें बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सरकार ने 17 व 18 अगस्त को अवकाश घोषित किया है जिस कारण अस्पताल बंद है.स्वास्थ्य केंद्र बंद होने व बच्चे की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए कुलदीप बच्चे को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल चम्बा के लिए निकल पड़े.लेकिन सरकार की अनदेखी ने तो उनके बच्चे का भाग्य शायद पहले ही तय कर दिया था.इसलिए रास्ते में ही उनके बच्चे की मृत्यु हो गई.

लोगों ने यहां तक की स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के कारण थोड़ा सहन कर लिया था.आज 18 अगस्त को सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने के निर्देश जारी कर रखे थे लेकिन लोगों ने आज भी जब स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लटका पाया तो उनके सब्र का पारा टूट गया.क्षेत्र के लोगों ने एक साथ अस्पताल के दरवाजे पर लगे विभागीय ताले पर अपना ताला भी जड़ दिया.

लोगों ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री हिमाचल प्रदेश को भी पत्र लिख कर घटना की जानकारी दे दी.लोगों ने सरकार से मांग की है कि ग्राम पंचायत दुर्गेठी व उसके आसपास की पंचायत के लोग कई वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर ठगे जा रहे हैं.उन्होंने कहा कि जब पूरे प्रदेश में अस्पताल खुले हैं तो यह स्वास्थ्य केंद्र बंद क्यों है.अब इसे खोलने के लिए किसी बड़े अधिकारी अथवा नेता को यहां आना होगा. उन्होंने कहा कि यह मृत्यु कोई स्वास्थ्य कर्मियों की  लापरवाही से नहीं हुई बल्कि यह सरकार की अनदेखी से हुई हत्या है जिसकी जांच कर दोषियों को सजा दी जाए.

इस बारे में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथीपाल सिंह ने कहा कि नवजात की मृत्यु पर लोगों के विरोध की सूचना मिली है.उन्होंने कहा कि वे पूरे मामले की जांच करवाएंगे.

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