कांगड़ा जिला के जनजातीय गांवों में धरती आबा उत्कर्ष अभियान की नई शुरुआत, 15 जून से जागरूकता शिविरों का आयोजन

कांगड़ा जिला के जनजातीय गांवों में धरती आबा उत्कर्ष अभियान की नई शुरुआत, 15 जून से जागरूकता शिविरों का आयोजन

कांगड़ा जिला के जनजातीय बहुल गांवों को विकसित करने के उद्देश्य से “धरती आबा उत्कर्ष जनजातीय उत्कर्ष अभियान” के दूसरे चरण की शुरुआत 15 जून से की जा रही है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जानकारी दी कि इस चरण में चयनित 16 गांवों में 15 से 30 जून तक जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सभी कल्याणकारी योजनाओं के शतप्रतिशत लक्ष्यों को हासिल करने पर विशेष बल दिया जाएगा।

डीसी कार्यालय धर्मशाला में आयोजित समीक्षा बैठक में उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जनजातीय वर्ग के सभी पात्र लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत चयनित पंचायतों को सम्पूर्ण रूप से विकसित करने की दिशा में यह एक प्रभावशाली पहल होगी। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक सरल भाषा में पहुंचाएं और मौके पर ही पात्र लोगों को योजनाओं से जोड़ें।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत नरवाणा खास की कस्बा ग्राम पंचायत में 15 जून को जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस कार्यक्रम में कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य शिविर, विकास प्रदर्शनी और हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की जाएगी।

कांगड़ा जिले के जिन पंचायतों का चयन किया गया है, वहां जनसंख्या का 50 प्रतिशत हिस्सा जनजातीय समुदाय से संबंधित है। इन पंचायतों में आधार कार्ड बनवाने, जनधन खाता खोलने, कम्यूनिटी सर्टिफिकेट जारी करने, वन अधिकार अधिनियम (FRA) मामलों के निपटारे, आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड वितरण, वृद्धावस्था पेंशन, पोषण अभियान जैसी योजनाओं से लोगों को लाभान्वित किया जाएगा।

उपायुक्त ने बताया कि अभियान के दौरान हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग सीधे योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, विभागों द्वारा स्वीकृत गतिविधियों के अंतर्गत जन जागरूकता शिविर, स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी और नेहरू युवा केंद्र के सदस्यों की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

समीक्षा बैठक में जिला योजना अधिकारी आलोक धवन ने बताया कि अभियान का पहला चरण 15 से 26 नवंबर 2024 तक चलाया गया था, जिसमें भी चयनित गांवों में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। अब द्वितीय चरण की तैयारियां पूरी की जा रही हैं और गांवों के अनुसार शेड्यूल भी तैयार किया जा रहा है ताकि हर क्षेत्र को समुचित रूप से कवर किया जा सके।

इस अभियान के माध्यम से सरकार का उद्देश्य जनजातीय समुदाय तक योजनाओं की वास्तविक पहुँच सुनिश्चित करना है। सभी विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं और फील्ड स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाएं।