नूरपुर: सामाजिक संस्था Garry Cares Foundation ने हाल ही में एक अस्सी प्रतिशत विकलांग युवक की ज़िंदगी में नई रौशनी भर दी। एक साधारण लकड़ी की व्हीलचेयर से वर्षों से गुज़र-बसर कर रहे इस युवक को अब एक आधुनिक व्हीलचेयर मिल गई है और यह संभव हो पाया संस्था की त्वरित पहल, दानदाता की संवेदनशीलता और स्वर्गीय कोशल्या देवी की स्मृति के कारण।
एक ज़रूरत, एक वादा और एक घंटे में पूरा हुआ सपना
Garry Cares Foundation के संचालक अंकित वर्मा को कुछ दिन पहले यह मामला प्राप्त हुआ था। युवक की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी और लकड़ी की व्हीलचेयर से काम चला रहा था। अंकित वर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया कि कुछ दिन में संस्था एक बेहतर व्हीलचेयर उपलब्ध कराएगी।
जैसे ही यह केस NGO के वॉलंटियर ग्रुप में साझा किया गया, कुछ ही मिनटों में एक दानदाता सामने आ गए। और सिर्फ एक घंटे के भीतर व्हीलचेयर खरीदी भी गई।
यह व्हीलचेयर स्वर्गीय कोशल्या देवी की स्मृति में उनकी पोती द्वारा दान की गई। संस्था ने कोशल्या देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका नाम इस सहयोग के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगा।

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“आप जैसे लोग ही भगवान हैं” – भाई की भावनात्मक प्रतिक्रिया
जब संचालक अंकित वर्मा ने युवक को यह बताया कि इतनी जल्दी मदद मिलना दुर्लभ होता है, तो युवक ने भावुक होकर कहा,
“हमने भगवान को कभी नहीं देखा, आप जैसे लोग ही हमारे लिए भगवान हैं।”
इस वाक्य ने टीम को और भी अधिक प्रेरित किया और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को और गंभीरता से लेने का संकल्प दिलाया।
पिता की आंखों में खुशी, जो शब्दों में नहीं समाई
व्हीलचेयर जब युवक के पिता को सौंपी गई, तो उनकी आंखों में भावनाओं का सागर था।
“10 वर्षों से हमारा बेटा चल नहीं सकता, यह पल हमारे लिए बहुत बड़ा है,” उन्होंने कहा।
यह वह खुशी थी जिसे केवल एक पिता ही महसूस कर सकता है जिसने अपने बच्चे की तकलीफ को रोज़ देखा है।
समाज के लिए एक प्रेरणा
Garry Cares Foundation की यह पहल बताती है कि सही नीयत और सामूहिक प्रयास से समाज में सकारात्मक बदलाव लाना संभव है। संस्था ने यह भी कहा कि,
“जिसकी मदद भगवान करवाना चाहते हैं, उसके लिए हम तो बस माध्यम होते हैं।”