🕯️ पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: छह दिन की शादी और ‘जय हिंद’ कहती रही पत्नी हिमांशी 🕯️

पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल: छह दिन की शादी और 'जय हिंद' कहती रही पत्नी हिमांशी

करनाल/पहलगाम – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को गम और गुस्से से भर दिया है। इस हमले में नवविवाहित नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। भावुक कर देने वाले इस क्षण में उनकी पत्नी हिमांशी ने ताबूत से लिपटकर उन्हें अंतिम सैल्यूट किया और कहा – “हमें आप पर हमेशा गर्व रहेगा, जय हिंद!”

🕊️ हनीमून का सपना, आतंक की गोली से टूटा

16 अप्रैल को मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग के बाद विनय और हिमांशी 19 अप्रैल को रिसेप्शन के बाद हनीमून पर पहलगाम गए थे। परिवार और दोस्त खुशियों में डूबे थे, लेकिन 23 अप्रैल की दोपहर सब कुछ बदल गया जब पहलगाम के बायसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं, जिसमें विनय भी शहीद हो गए।

हनीमून का सपना, आतंक की गोली से टूटा

🫡 “जय हिंद” की गूंज के साथ अंतिम विदाई

करनाल पहुंचने पर हिमांशी पति के शव से लिपटकर बार-बार रोती रहीं, लेकिन उन्होंने साहस दिखाते हुए अंतिम विदाई में सैल्यूट किया और बोल उठीं –
“आपने वादा निभाया… अब मेरी बारी है, जय हिंद!”

🧳 यूरोप जाना था, कश्मीर आखिरी यात्रा बना

परिवार ने बताया कि विनय और हिमांशी हनीमून के लिए यूरोप जाना चाहते थे, लेकिन वीज़ा न मिलने के कारण उन्होंने कश्मीर का रुख किया। “अगर वीज़ा मिल जाता, तो यह दिन न देखना पड़ता,” यह कहते हुए दादा हवा सिंह रो पड़े।

🔥 आतंकियों की कायराना हरकत

हमले में कुल 26 लोगों की मौत हुई जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों की पहचान कर गोली मारी। इस आतंकी वारदात की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। हमले में हिमांशी घायल भी हुईं।

🛡️ एनआईए करेगी जांच, देश भर में गुस्सा

यह हमला फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। गृह मंत्रालय ने एनआईए को जांच सौंप दी है, वहीं देशभर में श्रद्धांजलि और कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।

🙏 करनाल से कश्मीर तक मातम

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल मूल रूप से हरियाणा के भूसली गांव के रहने वाले थे। उनके दादा पुलिस से सेवानिवृत्त, पिता केंद्र सरकार में कार्यरत हैं। विनय की उम्र मात्र 26 वर्ष थी और वे तीन साल पहले नौसेना में भर्ती हुए थे।

यह शहादत सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरे भारत की है। हिमांशी की आंखों से बहते आंसुओं में भी गर्व था, और उनके “जय हिंद” में आतंकियों को जवाब देने की आवाज थी।