बिजली बिल विवाद: कंगना रनौत के आरोपों पर बिजली बोर्ड ने दी सफाई, कहा—बकाया बिल 90 हजार, समय पर नहीं किया भुगतान

शिमला: भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा मनाली स्थित अपने आवास पर एक लाख रुपये के बिजली बिल को लेकर की गई टिप्पणी पर अब हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है। बोर्ड ने कंगना के आरोपों को भ्रामक और तथ्यहीन बताते हुए कहा है कि बिल एक महीने का नहीं, बल्कि तीन महीनों का बकाया है, जिसकी कुल राशि 90,384 रुपये है।

बिजली बोर्ड का तर्क: औसत खपत 5,000 से 9,000 यूनिट प्रति माह

बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने बताया कि सांसद कंगना रनौत समय पर बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रही हैं। उनके घरेलू कनेक्शन की मासिक औसत खपत 5,000 से 9,000 यूनिट के बीच है। जनवरी और फरवरी 2025 में बिजली खपत लगभग 14,000 यूनिट दर्ज की गई, जिसके लिए देर से भुगतान 28 मार्च को किया गया।

एक नहीं, तीन महीनों का था बिल

मार्च 2025 में 55,000 रुपये का बिल जारी किया गया था, जिसमें जनवरी और फरवरी के बकाया 35,000 रुपये भी शामिल थे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यह कहना गलत है कि यह एक माह का बिल है। अक्तूबर से दिसंबर 2024 की बिजली खपत का बिल 82,061 रुपये था, जिसका भुगतान कंगना ने 16 जनवरी 2025 को किया था।

बिजली लोड सामान्य से 1,500% अधिक

कंगना रनौत के सिस्सा गांव (मनाली) स्थित आवास पर दर्ज कनेक्टिड लोड 94.82 किलोवाट है, जो एक सामान्य घरेलू लोड से 1,500 प्रतिशत अधिक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विद्युत खपत अधिक है और बिल उसी के अनुरूप बना है।

सब्सिडी भी ले रही हैं कंगना, फरवरी में 700 रुपये की छूट

बोर्ड ने यह भी बताया कि कंगना रनौत को सरकारी सब्सिडी का लाभ भी मिल रहा है। फरवरी 2025 में उन्हें 700 रुपये की छूट मिली थी। ऐसे में यह कहना कि सरकार उन्हें बिजली में कोई राहत नहीं दे रही, तथ्य से परे है।

बोर्ड की अपील: समय पर भुगतान करें उपभोक्ता

बिजली बोर्ड ने इस विवाद के मद्देनजर सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बिजली बिलों का समय पर भुगतान करें, ताकि किसी प्रकार की देर सरचार्ज या असुविधा का सामना न करना पड़े।