शिमला, 1 अप्रैल – हिमाचल प्रदेश के वोकेशनल शिक्षक आज से प्रदेशभर के स्कूलों में कक्षाएं नहीं लेंगे। शिक्षकों ने अपनी सेवाओं को हरियाणा की तर्ज पर सोसायटी के अंतर्गत लाने और प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।
क्या है शिक्षकों की मुख्य मांग?
- शिक्षकों का कहना है कि हरियाणा में वोकेशनल शिक्षक सोसायटी के तहत सेवाएं दे रहे हैं, जिससे उन्हें सरकार की ओर से बेहतर सुविधाएं और स्थायित्व मिल रहा है।
- हरियाणा में शिक्षकों के वेतन में इस अप्रैल से 5% वार्षिक वृद्धि (एनुअल इंक्रीमेंट) दी गई है, जबकि हिमाचल में इस तरह की कोई सुविधा नहीं है।
- हरियाणा में वोकेशनल शिक्षकों का वेतन 30,000 से 35,000 रुपये के बीच है, जबकि हिमाचल में यह 20,000 से 25,000 रुपये के बीच है, जो कि शिक्षकों के अनुसार, बहुत कम है।
- प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती की मौजूदा व्यवस्था को खत्म कर सीधी भर्ती या सोसायटी मॉडल लागू करने की मांग की जा रही है।
आंदोलन तेज, शिक्षक पीछे हटने को तैयार नहीं
इस समय हिमाचल प्रदेश में 2,100 से अधिक वोकेशनल शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों का कहना है कि इस बार वे किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे और जब तक कंपनी को हटाने और सेवा शर्तों में सुधार की मांग पूरी नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
शिक्षकों ने सरकार और शिक्षा विभाग से अपील की है कि इस बार वोकेशनल शिक्षा के लिए किसी भी प्राइवेट कंपनी से एमओयू (समझौता) साइन न किया जाए। यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र हो सकता है।