महिला मुखिया और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त परिवारों को बीपीएल सूची में जगह, जानिए नए नियम

महिला मुखिया और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त परिवारों को बीपीएल सूची में जगह, जानिए नए नियम

शिमला, 1 अप्रैलहिमाचल प्रदेश सरकार ने बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची को लेकर नए दिशा-निर्देश सुझाए हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अधिक लाभ मिल सके। इस बार कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, हीमोफीलिया और थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मुखिया वाले परिवारों को भी बीपीएल सूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है।

महिला मुखिया और दिव्यांग परिवारों को विशेष राहत

सरकार ने ऐसे परिवारों को भी बीपीएल सूची में शामिल करने का सुझाव दिया है, जहां महिला मुखिया हो और परिवार में कोई 18 से 59 वर्ष का वयस्क सदस्य न हो। इसके अलावा, 50% से अधिक दिव्यांगता वाले मुखिया के परिवारों को भी बीपीएल श्रेणी में रखने की सिफारिश की गई है।

बीपीएल के लिए नए नियम और शर्तें

सरकार ने बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए कई नई शर्तें प्रस्तावित की हैं:

  • बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए परिवार के पास पक्का मकान नहीं होना चाहिए। इसके लिए मुखिया को एक शपथ पत्र देना होगा।
  • परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता नहीं होना चाहिए।
  • परिवार की वार्षिक आय सीमा 36,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है।
  • परिवार के पास एक हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं होनी चाहिए।
  • परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी, अर्धसरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरी में नहीं होना चाहिए।
  • यदि किसी बीपीएल परिवार का कोई सदस्य ग्राम पंचायत में अलग परिवार के रूप में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन करता है, तो उसे अगले तीन वर्षों तक बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।

बीपीएल सूची से हटाने के नियम

  • एक हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवारों को सूची से हटाया जाएगा।
  • सरकारी, अर्धसरकारी या निजी नौकरी करने वाले परिवार बीपीएल श्रेणी से बाहर होंगे।
  • ग्राम सभा की बैठक में बीपीएल सूची से हटाने के प्रस्ताव रखे जाएंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।

बीपीएल सूची में नाम जोड़ने और सत्यापन प्रक्रिया

  • बीपीएल सूची में शामिल होने के इच्छुक परिवार हर साल 31 जनवरी तक ग्राम पंचायत में आवेदन कर सकते हैं।
  • सत्यापन समिति (एसडीएम की अध्यक्षता में) आवेदन की जांच करेगी, जिसमें पंचायत सचिव, पटवारी और अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
  • सत्यापित सूची 15 जून तक ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि जुलाई में ग्राम सभा में चर्चा के बाद अंतिम सूची तैयार की जा सके।

सरकार ने यह भी साफ किया है कि अभी ये सभी सुझाव विचाराधीन हैं, और अंतिम फैसला सरकार की समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा।