भरमौर, 18 मार्च – हिमाचल प्रदेश के भरमौर लोक निर्माण विभाग (PWD) में टेंडर प्रक्रिया को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। स्थानीय समाजसेवी गुलशन नंदा ने आरोप लगाया है कि 17 और 18 मार्च 2025 को हुए टेंडर आवंटन में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने मांग की है कि PWD कार्यालय में इन दो दिनों की CCTV रिकॉर्डिंग की जांच की जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष थी या नहीं।
“मिस्टर इंडिया” की तरह गायब ठेकेदार!
गुलशन नंदा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,
“ऐसा कैसे संभव है कि कुछ ठेकेदार बिना कार्यालय आए ही टेंडर फॉर्म प्राप्त कर लेते हैं और बिना मौजूदगी के ही टेंडर ओपनिंग प्रक्रिया में शामिल हो जाते हैं? क्या वे ‘मिस्टर इंडिया’ की तरह अदृश्य हो गए थे?”
उन्होंने कहा कि यदि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता है, तो प्रशासन को PWD कार्यालय की CCTV रिकॉर्डिंग सार्वजनिक करनी चाहिए।




CCTV जांच की मांग क्यों?
- यह पता लगाने के लिए कि क्या ठेकेदार टेंडर फॉर्म लेने और जमा करने के दौरान वास्तव में उपस्थित थे।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि टेंडर ओपनिंग प्रक्रिया में कोई हेरफेर नहीं हुआ।
- यह जांचने के लिए कि क्या कुछ ठेकेदारों को अनुचित लाभ दिया गया।
प्रशासन और सरकार से कार्रवाई की अपील
गुलशन नंदा ने इस मामले को जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के संज्ञान में लाने की बात कही है। उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और यदि अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
स्थानीय जनता में आक्रोश
इस विवाद के सामने आने के बाद स्थानीय ठेकेदारों और व्यापारियों में भी PWD की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रही, तो इसका सीधा असर विकास कार्यों की गुणवत्ता पर पड़ेगा।
अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर CCTV रिकॉर्डिंग की जांच करवाएगा या नहीं।