हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच.पी.एस.बी.बी) ने 12 जून, 2018 को मिनी सचिवालय भरमौर, भरमौर ब्लॉक में “जैव विविधता को मुख्यधारा में लाना:स्थानीय लोग और उनकी आजीविका को कायम रखना” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथी पाल सिंह कार्यशाला के मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे.जैव विविधता अधिनियम, 2002 और नियमों, 2004 के कार्यान्वयन से संबंधित गतिविधियों पर इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें जैव विविधता और इसके संरक्षण से जुडे विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श भी हुआ।जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) की भूमिका और जागरूकता बढ़ाने के लिए इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य में जैव-संसाधनों के संरक्षण और स्थायी उपयोग के बारे में जानकारी भी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान, भरमौर वन मंडल अधिकारी, भरमौर ब्लाक के 29 पंचायतों से आये पंचायत प्रधान, जैव विविधता प्रबंधन समितियों के चेयरमैन एवं मेम्बर और स्थानीय हितधारकों को जैव विविधता, जैव विविधता अधिनियम, 2002 और नियमों 2004 के प्रावधानों को सांझा कर संवेदित किया गया, स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों (बी.एम.सी) के गठन की प्रक्रिया, जैव विविधता प्रबंधन समितियों की भूमिका, जन जैव विविधता रजिस्टर (पी.बी.आर) की तैयारी और जिला चम्बा के जैव संसाधनों का लाभ सांझाकरण (ए.बी.एस) प्रक्रिया को भी इस कार्यशाला में संबोधित किया गया। जैव विविधता अधिनियम, 2002 पर जागरूकता के साथ-साथ प्रतिभागियों को भौगोलिक संकेत अधिनियम के बारे में भी जानकारी मिली। जिला चंबा के ग्रामीण कारीगरों को वाणिज्यिक अवसर प्रदान करने और ग्रामीण कारीगरों के सामाजिक आर्थिक विकास करने के लिए हिमाचल प्रदेश काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (हिमकोस्ट), के हिमाचल प्रदेश पेटेंट सूचना केंद्र (एच.पी.पी.आई.सी) के अधिकारीयों ने भौगोलिक संकेत अधिनियम के बारे में प्रतिभागियों को शिक्षित करने के लिए भाग लिया। हिमकोस्ट ने जी.आई पंजीकरण प्राप्त करने की योजना बनाई है। इस उद्देश्य के लिए, उनके मूल, विशिष्टता, और उत्पादन की विधि और कारीगरों/उत्पादकों की सूची का समर्थन करने वाले दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं।कार्यशाला का आयोजन श्री कुणाल सत्यार्थी, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड, शिमला की देखरेख में किया गया।इस अवसर पर वन मंडल अधिकारी सनी वर्मा व हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के अधिकारियों ने भी इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति के सदस्य, विकास खण्ड भरमौर के पंचायतों के प्रधान सहित जिला प्रशासन और सम्बंधित विभागों के अधिकारि और हित धारकों ने भी शिरकत की।