मंडी की अंजली ठाकुर ने बोशीया नेशनल पैराचैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

मंडी की अंजली ठाकुर ने बोशीया नेशनल पैराचैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास

मंडी जिले के गोहर उपमंडल के मौवीसेरी (जन्यानी) गांव की रहने वाली अंजली ठाकुर ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित 9वीं बोशीया नेशनल पैराचैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने एकल वर्ग और मिश्रित वर्ग में पहला स्थान हासिल कर हिमाचल प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किया भारत को गौरवान्वित

अंजली ठाकुर ने इससे पहले वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है, बल्कि वह बोशीया वर्ल्ड पैराचैंपियनशिप में चयन के लिए भी दावेदारी पेश कर रही हैं।

परिवार और गांव में जश्न का माहौल

अंजली ठाकुर की इस सफलता से उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। गांववाले और स्थानीय लोग उनकी उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें आगामी पैराओलंपिक टीम का हिस्सा बनने के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।

क्या है बोशीया?

बोशीया एक पैरा-स्पोर्ट है, जो खासतौर पर शारीरिक रूप से अक्षम एथलीट्स के लिए खेला जाता है। इसमें खिलाड़ियों को सटीकता और रणनीति के साथ गेंद को लक्ष्य तक पहुंचाना होता है। अंजली ठाकुर ने इस खेल में अपनी मेहनत और लगन से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

आने वाले लक्ष्य

अब सभी की नजरें अंजली ठाकुर के बोशीया वर्ल्ड पैराचैंपियनशिप चयन पर टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह भारतीय पैराओलंपिक टीम का हिस्सा बनेंगी और देश के लिए और भी पदक जीतेंगी।

हिमाचल की बेटी पर गर्व

अंजली ठाकुर की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि हिमाचल प्रदेश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उनकी इस जीत ने न केवल मंडी बल्कि पूरे प्रदेश को गर्व महसूस कराया है।