महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि का महामेला

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि का महामेला

प्रयागराज में महाकुंभ 2025: 2 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक वरदान
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश:
आज सुबह से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का शुभारंभ हो गया है। इस पावन अवसर पर संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल) पर 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पहला पवित्र स्नान किया।

इस बार का महाकुंभ मेला ऐतिहासिक रूप से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित करने की संभावना है, जो अमेरिका और रूस की संयुक्त जनसंख्या से भी अधिक है।


2 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक योगदान

महाकुंभ 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में करीब 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान होने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर प्रत्येक व्यक्ति औसतन 5,000 रुपये खर्च करता है, तो यह राजस्व संभव है।

हालांकि, यदि प्रति व्यक्ति खर्च 10,000 रुपये तक पहुंचता है, तो कुल आर्थिक प्रभाव 4 लाख करोड़ रुपये तक भी बढ़ सकता है। यह आयोजन राज्य की जीडीपी में 1% से अधिक की वृद्धि का कारण बन सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2019 के अर्धकुंभ मेले ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये जोड़े थे। ऐसे में, इस बार के कुंभ मेले से दोगुने से अधिक राजस्व की उम्मीद की जा रही है।


आर्थिक गतिविधियों के मुख्य क्षेत्र

महाकुंभ मेला कई क्षेत्रों में आर्थिक वृद्धि का कारण बनेगा।
1. खाद्य और पेय पदार्थ:
पैकेज्ड फूड, पानी, बिस्किट और भोजन की बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये तक की कमाई संभावित है।

2. धार्मिक वस्त्र और सामग्री:
धार्मिक सामग्री जैसे दीप, गंगाजल, मूर्तियां, अगरबत्ती और धार्मिक पुस्तकें 20,000 करोड़ रुपये का योगदान करेंगी।

3. परिवहन और लॉजिस्टिक्स:
स्थानीय परिवहन, टैक्सी, और माल ढुलाई सेवाओं से करीब 10,000 करोड़ रुपये की आय होगी।

4. स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाएं:
आयुर्वेदिक उत्पाद और अस्थायी मेडिकल कैंप से 3,000 करोड़ रुपये का व्यापार संभव है।

5. पर्यटन:
टूर गाइड और यात्रा पैकेज से लगभग 10,000 करोड़ रुपये की आय होगी।

6. मनोरंजन और मीडिया:
विज्ञापन, प्रचार और मनोरंजन से 10,000 करोड़ रुपये का योगदान होगा।


सुरक्षा और सुविधाएं

महाकुंभ 2025 की तैयारी में इस बार आधुनिक तकनीक का व्यापक उपयोग किया गया है।

  • सुरक्षा: 40,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती और एआई सक्षम निगरानी कैमरों की व्यवस्था।
  • परिवहन: भारतीय रेलवे ने 3,300 अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की है।
  • आवास: 1,50,000 टेंट्स, 3,000 रसोईघर और 1,45,000 शौचालय बनाए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ की शुरुआत को “आस्था, संस्कृति और एकता का पवित्र पर्व” बताया। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,
“महाकुंभ 2025 का आरंभ लाखों लोगों के लिए एक विशेष दिन है, जो भारतीय मूल्यों और संस्कृति को महत्व देते हैं। यह आयोजन हमारी आध्यात्मिक धरोहर का उत्सव है।”


महाकुंभ के मुख्य स्नान के दिन

  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति (प्रथम शाही स्नान)
  • 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (द्वितीय शाही स्नान)
  • 3 फरवरी: वसंत पंचमी (तृतीय शाही स्नान)
  • 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी: महाशिवरात्रि (अंतिम स्नान)

अंतरराष्ट्रीय आकर्षण

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार, इस आयोजन में 15 लाख से अधिक विदेशी पर्यटकों के शामिल होने की उम्मीद है। उनके लिए एक विशेष टेंट सिटी बनाई गई है, जहां आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।


कुंभ मेला: आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम

हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ यह मेला उत्तर प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में भी भारी योगदान देता है।