HMPV टेस्ट की कीमत और कोविड टेस्ट से तुलना: जानिए कितना महंगा है यह टेस्ट?

HMPV टेस्ट की कीमत और कोविड टेस्ट से तुलना: जानिए कितना महंगा है यह टेस्ट?

भारत में ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता को आश्वस्त किया है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन लोग HMPV के लक्षण, उपचार और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। यह बढ़ती जागरूकता सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

HMPV टेस्ट की लागत

HMPV के निदान के लिए उन्नत उपकरणों की आवश्यकता होती है, जैसे बायोफायर पैनल, जो कई प्रकार के रोगजनकों का पता लगा सकते हैं। इन परीक्षणों की लागत अधिक होती है। भारत में HMPV RT-PCR टेस्ट की कीमत ₹3,000 से ₹8,000 तक हो सकती है, जबकि व्यापक पैनल टेस्ट, जो HMPV समेत अन्य श्वसन रोगजनकों का पता लगाते हैं, ₹20,000 तक जा सकते हैं।

यह कीमत कोविड-19 टेस्ट से काफी अधिक है, जो आमतौर पर ₹500 से ₹1,000 के बीच होती है। प्रमुख लैब्स जैसे डॉ. लाल पैथलैब्स, टाटा 1mg लैब्स, और मैक्स हेल्थकेयर लैब्स में HMPV टेस्ट की यही कीमतें दर्ज की गई हैं।

HMPV टेस्ट की कीमत और कोविड टेस्ट से तुलना

HMPV के लक्षण और उपचार

HMPV के लिए वर्तमान में कोई विशेष एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है।

  • हल्के मामलों में: घरेलू देखभाल, आराम, और हाइड्रेशन की सलाह दी जाती है।
  • गंभीर मामलों में: अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें ऑक्सीजन थेरेपी, अंतःशिरा तरल पदार्थ (IV fluids), और कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग किया जाता है।

HMPV के लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं, जिनमें बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ, नाक बंद होना, और थकावट शामिल हैं। हालांकि, HMPV आमतौर पर हल्के लक्षण पैदा करता है, लेकिन गंभीर मामलों में ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।

भारत में HMPV के मामले

भारत में अब तक 8 HMPV मामले सामने आए हैं, जो कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं। संक्रमितों में अधिकांश बच्चे हैं, जिनकी उम्र 3 महीने से 13 वर्ष के बीच है।

बचाव के उपाय

  1. बार-बार हाथ धोएं और सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  2. भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
  3. खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
  4. किसी भी लक्षण के दिखने पर घर पर रहें और अलग-थलग रहें।
  5. पौष्टिक आहार का सेवन करें ताकि इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।

HMPV की पृष्ठभूमि

HMPV एक RNA वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में पहचाना गया था। यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है।