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हिमाचल प्रदेश में मानसूनी तबाही: 1195 करोड़ का नुकसान, 31 की मौत

हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश ने इस साल अभूतपूर्व तबाही मचाई है, जिससे राज्य का बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य में मानसून की शुरुआत से अब तक लगभग ₹1,195 करोड़ का भारी नुकसान हो चुका है। वर्तमान में, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 55 सड़कें बंद हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है।

इस मानसून के दौरान सबसे भयावह घटना बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण 31 लोगों की मौत के रूप में सामने आई है। पिछले वर्षों की तुलना में इस साल मानव जीवन के नुकसान में चिंताजनक वृद्धि हुई है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 में अब तक हिमाचल प्रदेश में 428 लोगों की मौत हुई है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग तीन गुना अधिक है।

भूस्खलन और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर किन्नौर, कुल्लू और शिमला जैसे जिलों में देखा गया है। इन जिलों में न केवल कई पुल और सड़कें बह गई हैं, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुँची है। इसके परिणामस्वरूप, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए दैनिक जीवन मुश्किल हो गया है, और राहत कार्यों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठकें बुलाई हैं और सरकारी एजेंसियों को त्वरित राहत पहुँचाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को भी तैनात किया गया है।

हालांकि, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बारिश में कमी की संभावना जताई है, जिससे राहत की उम्मीद की जा रही है। बावजूद इसके, मौसम के मिजाज को देखते हुए अभी भी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुनर्निर्माण का काम शुरू किया जा चुका है, लेकिन यह प्रक्रिया लंबी और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। सरकार ने इसके लिए केंद्रीय सहायता की मांग की है और केंद्र सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद की जा रही है।

इस बीच, राज्य के लोग अभी भी खौफ के साये में जी रहे हैं, क्योंकि हर दिन नई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। बारिश के थमने पर ही स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

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