हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने हाल ही में नई आबकारी नीति का ऐलान किया है, जिसमें राज्य के 12 जिलों को तीन जोन में बांटा गया है। इस नीति के तहत, अब शराब की बिक्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
यदि कोई ठेका संचालक निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूल करता है, तो उपभोक्ता सीधे आबकारी विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। कांगड़ा जोन के लिए 0189-4230186, मंडी जोन के लिए 01905-223499, और शिमला जोन के लिए 01772-620775 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि बोतल पर दर्ज कीमत से 30 फीसदी तक ही दाम वसूला जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक बोतल की कीमत 100 रुपये है, तो इसे 130 रुपये से अधिक नहीं बेचा जा सकता।
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जानकारी दी है कि ओवरचार्जिंग की शिकायत मिलने पर सरकार एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाएगी। पहली शिकायत पर 15 हजार रुपये, दूसरी शिकायत पर 25 हजार रुपये, तीसरी शिकायत पर 50 हजार रुपये, और चौथी शिकायत पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि पांचवीं शिकायत फिर से प्राप्त होती है, तो ठेके का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
सरकार की इस सख्त नीति का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करना और शराब की कीमतों पर नियंत्रण रखना है। इसके साथ ही, नई नीति के तहत ठेका संचालकों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है कि वे नियमों का पालन करें और उपभोक्ताओं को सही मूल्य पर शराब उपलब्ध कराएं।
नया नियम लागू होने के बाद से राज्य के विभिन्न जिलों में ठेका संचालकों के खिलाफ शिकायतें दर्ज होने लगी हैं। विभाग ने इन शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार की इस नई नीति से जहां उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं ठेका संचालकों को भी अपने व्यापार में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही, यह नीति राज्य में शराब व्यापार को अधिक संगठित और नियमबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।