हिमाचल प्रदेश सरकार ने 6297 पदों को भरने की दी मंजूरी, स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए मिलेंगे शिक्षक

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए प्रदेश के स्कूलों में 6297 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है। यह भर्तियां मुख्य रूप से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ाने के लिए होंगी, जिससे लगभग 50 हजार बच्चों को लाभ होगा। लंबे समय से इस फैसले का इंतजार किया जा रहा था और पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल से यह मामला अटका हुआ था। अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाएगा।

इन भर्तियों को आउटसोर्स आधार पर किया जाएगा, जिससे शिक्षा विभाग पर तत्कालिक रूप से कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। प्रदेश के स्कूलों में नया सत्र एक माह पहले ही शुरू हो चुका है और यदि भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाती है, तो स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक मिल जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश में अधिकांश एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) डिप्लोमा धारक एक वर्षीय डिप्लोमा रखते हैं। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के नियमों के अनुसार एनटीटी डिप्लोमा दो वर्षीय होना अनिवार्य है। लेकिन राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए एक वर्षीय एनटीटी डिप्लोमा धारकों के लिए एक साल का ब्रिज कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस ब्रिज कोर्स के जरिए एक वर्षीय डिप्लोमा धारक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं दोनों को ही आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वे प्री-प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षण कर सकें।

वर्तमान में प्रदेश के कई स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) अध्यापक पढ़ा रहे हैं, लेकिन यह केवल वैकल्पिक व्यवस्था है। नए एनटीटी शिक्षकों के आने से प्री-प्राइमरी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चों को सही दिशा-निर्देश प्राप्त होंगे। इस निर्णय से राज्य में प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूती मिलेगी और शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी।

सरकार का यह कदम शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल है। इससे न केवल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी बल्कि शिक्षकों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। राज्य सरकार का यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा और प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करेगा।

लंबे समय से चल रहा था इंतजार

पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह मामला कई बार चर्चा में आया लेकिन किसी ठोस निर्णय तक नहीं पहुंच पाया। वर्तमान सरकार ने इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए तेजी से कार्य किया और कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त की। अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया को जल्द ही शुरू किया जाएगा और नवम्बर तक सभी पद भरे जाने की संभावना है।

प्रदेश सरकार की इस पहल से न केवल प्री-प्राइमरी शिक्षा को मजबूती मिलेगी बल्कि राज्य में बेरोजगारी की समस्या को भी कम करने में मदद मिलेगी।

समस्याओं का समाधान

एनसीटीई के नियमों के अनुसार, एनटीटी डिप्लोमा धारकों के लिए दो वर्षीय कोर्स अनिवार्य है। लेकिन प्रदेश में अधिकांश शिक्षकों के पास एक वर्षीय डिप्लोमा है, जिससे उनकी नियुक्ति में कठिनाइयां आ रही थीं। सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए एक वर्षीय डिप्लोमा धारकों के लिए ब्रिज कोर्स की मंजूरी दी है। इस कोर्स के माध्यम से वे भी अपनी योग्यता में वृद्धि कर सकेंगे और बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।

शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और चयन प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने से प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी।