रोजाना24, शिमला 22 मार्च : पांगी भरमौर विस के अंतर्गत आने वाले विकास खंड मैहला व जनजातीय क्षेत्र भरमौर में रहते हुए भी अनुसूचित जनजातीय न माने जाने वाले के साथ साथ हड़सर के पुजारियोें व उल्लांसा की एक उपजाति को भी अनसूचित जनजातीय श्रेणी का दर्जा दिलवाने के प्रश्न पर सरकार ने विपक्ष को सकारात्मक निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है।
पांगी भरमौर विस के विधायक डॉ जनक राज ने विस में प्रश्न रखा था कि भरमौर विस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 24 ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या कितनी है।इस प्रश्न के दूसरे भाग में उन्होंने राजस्व मंत्री हिप्र से पूछा था कि इस विस क्षेत्र के गैर जनजातीय भाग की ग्राम पंचायतों व जनजातीय क्षेत्र भरमौर के हड़सर पुजारियों, उल्लांसा पंचायत के कुछ लोग व छतराड़ी के लोग जोकि अनुसूचित जनजातीय होने के बावजूद इस वर्ग में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं। पूर्व में दस्तावेजों में हुई त्रुटियों का नुक्सान इन लोगों को पीढ़ी दर पीढ़ी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार द्वारा उस समय दस्तावेज तैयार करने में हुई इस बड़ी त्रुटि में सुधार करने के लिए नृवंशविज्ञान अध्ययन करवाने का विचार रखती है ?
विधायक डॉ जनक राज ने कहा कि उनकी विस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग के लोगों के हितों की रक्षा का यह बड़ा मामला है जिसे उन्होंने विस में रखा है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के तमाम विधायकों के सहयोग से वे सरकार पर इस मुद्दे के समाधान के लिए दबाव बना पाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रश्न के जवाब में सरकार ने कहा है कि दस्तावेज में त्रुटि सुधार के लिए मामला परीक्षण हेतु राजस्व विभाग,हिप्र सरकार के सामने रखा गया है। विधायक डॉ जनक राज ने कहा कि वे विस क्षेत्र के लोगों की आवश्यकताओं से जुड़े दर्जनों मुद्दे विस में रख चुके हैं व उनके सकारात्मक परिणाम लाने के लिए वे पूरे विपक्ष के साथ सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से लम्बित इस आवश्यक मांग को आज तक किसी कांग्रेस विधायक अथवा मंत्री ने विस में नहीं उठाया । विधायक ने कहा कि लोकहितों के हर जरूरी मुद्दे को विस में गम्भीरता से रखेंगे।