लीथियम परीक्षण क्षमता हासिल करने वाले आईजीएमसी शिमला को बनाएंगे ‘नो रिटर्न लैब’ – डॉ जनक राज

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रोजाना24,शिमला,30 मई : आईजीएमसी शिमला चौबीसों घंटे चलने वाली उन्नत व विश्वसनीय प्रयोगशाला की आवश्यकता महसूस की जाती रही है।

लेकिन, योजना और क्रियान्वयन दोनों के मामले में विभिन्न स्तरों पर आने वाली बाधाओं के कारण, संस्थान अब तक इसे हासिल करने कामयाब नहीं हो सका था । लेकिन प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक कोने से इस संस्थान में आने वाले रोगियों के प्रबंधन और चिकित्सकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सभी प्रकार की डाइयग्नॉस्टिक क्षमताओं वाले अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना करवा दी है ।

आईजीएमसी शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ जनक राज बताते हैं कि यह प्रयोगशाला सभी जैव रासायनिक (आरएफटी, एलएफटी, लिपिड, इलेक्ट्रोलाइट्स, एडीए आदि) हेमेटोलॉजी (एचबी, सीबीसी), सीएसएफ परीक्षा और हेमोस्टेसिस पैरामीटर (पीटी / आईएनआर) के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स, रक्त गैस विश्लेषण जैसे प्वाईंट ऑफ़ केयर प्रदान करने में सक्षम है।

यह प्रयोगशाला सभी प्रकार के रोगियों और उनके इलाज करने वाले डॉक्टरों के मार्गदर्शन के लिए 24×7 अनेकों प्रकार के मार्कर टेस्ट जैसे सीआरपी, फेरिटिन, डी डाईमर करने में सक्षम है। कोविड के Truenaat टेस्ट की सुविधा भी इस लैब में है।

 इस लैब की स्थापना के बाद अब आईजीएमसी ने लिथियम परीक्षण प्रदान करने की क्षमता हासिल कर ली है यह सुविधा  IGMC शिमला में  पहले नहीं थी।अब तक लोगों को तीन से चार दिनों तक लिथीयम की रिपोर्ट का इंतज़ार करना पड़ता था।

डॉ जनक राज ने कहा कि लैब में लगाए गये सभी उपकरण पूर्ण पारदर्शिता अपनाते हुए GeM के माध्यम से ख़रीदे गये हैं।सभी उपकरण अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं जैसे USFDA, EU, CE

उन्होंने कहा कि लैब में जो जाँच मशीन स्थापित की गयी है वह अपनी तरह की प्रदेश में पहली मशीन है। इस मशीन का नाम AUTO ANYLYSER  XL1000/  स्वचालित विश्लेषक XL-1000, यह मशीन एक साथ एक घण्टे की अवधि में एक हज़ार चालीस सैम्पल की जाँच करने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि सरकार के निरंतर प्रोत्साहन, मार्गदर्शन और समर्थन के साथ, आईजीएमसी आज का भरपूर प्रयास है कि इस प्रयोगशाला को नो रिटर्न लैब बनाएँगे  और अपने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहें है, कोई भी सैम्पल किसी भी परीक्षण के लिए 24×7 जाँच करने की सुविधा होगी।

लैब पर सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये व्यय किए गये हैं। जाँच की रिपोर्ट न्यूनतम समय में मिलने से गंभीर मरीज़ों के डाययग्नोसिस और इलाज में तेज़ी आएगी परिणामस्वरूप हॉस्पिटल की मूलभूत व्यवस्था एवं कार्यशैली में सुधार होगा और आईजीएमसी यहाँ आनेवाले रोगियों को बेहतरीन सुविधाएँ प्रदान करने में सक्षम होगा।

जाँच की रिपोर्ट एक घण्टे के भीतर उपलब्ध हो सकेगी।आईजीएमसी की यह लैब 24×7 आधार पर सभी डाइयग्नॉस्टिक समाधान प्रदान कर सकती है और इसमें मौजूदा बुनियादी ढांचे (जनशक्ति और संसाधन) के भीतर पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए एक रोल मॉडल की तरह कार्य करेगी।

राज्य के प्रत्येक कोने से इस संस्थान में आने वाले रोगियों के प्रबंधन और चिकित्सकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, सभी प्रकार की डाइयग्नॉस्टिक क्षमताओं वाले अत्याधुनिक परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना के लिए उन्होंने ईजीएमसी स्टाफ की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी एवं प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया ।