रोजाना24, चम्बा 27 मार्च : भरमौर में विश्व प्रसिद्ध चौरासी मंदिर परिसर के मंदिरों के भीतर दानपात्र स्थापित करने का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है। मणिमहेश न्यास के परिसर में स्थापित सभी मंदिरों में दान पात्र रखने जा रहा है।इसके लिए कई वर्षों से प्रयास जारी हैं। लेकिन मंदिर पुजारियों के विरोध के कारण अबतक यह लटकता आ रहा है। लेकिन न्यास में शामिल प्रशासनिक अधिकारी अब इस मसले को जल्द पूरा करना चाहते हैं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के उद्देश्य से आज बैठक कर मंदिर के भीतर दानपात्र स्थापित करने का फैसला लिया है। न्यास आयुक्त एवं जिलादण्डाधिकारी डीसी राणा की अध्यक्षता में सम्पन हुई मणिमहेश न्यास की बैठक में स्थानीय प्रशासन को इस मामले में जल्द कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उपायुक्त चम्बा ने कहा कि चौरासी मंदिर सहित भरमाणी व मणिमहेश जैसे धार्मिक महत्व के स्थलों का ,सौंदर्यीकरण करना व यात्रियों के लिए सुविधाएं करवाना न्यास की प्राथमिकताओं में है। लेकिन इसके लिए न्यास की आय बढ़ाई जानी भी आवश्यक है। न्यास की आय बढ़ाने के उद्देश्य व उसका सदुपयोग करने के लिए मंदिरों के गर्भगृह में दानपात्र स्थापित किए जा रहे हैं। मंदिर के भीतर दान पात्र रखने से पुजारियों के हितों के कुचले जाने के हालात होने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पुजारियों की आय में बढ़ौतरी होगी। न्यास सद्स्यों के साथ बैठक के बाद उपायुक्त चम्बा ने मंदिर पुजारियों की मांगों को भी सुना । उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को पुजारियों के प्रश्नों का हल करने के निर्देश दिए गए हैं।
न्यास के निर्णय के बाद पुजारी वर्ग बैकपुट पर नजर आ रहा है। पुजारी एवं अधिवक्ता करण शर्मा व अरविंद शर्मा ने कहा कि वे न्यास के फैसले को पहले ही भांप चुके थे इसलिए पुजारियों की शर्तों को प्रशासन ने गम्भीरता से नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने अधिकारों का हनन नहीं होने देंगे इसके लिए वे न्यायलय की शरण में जाने को बाध्य हो जाएंगे। अब देखना यह है कि न्यास पुजारियों के हितों की रक्षा करते मंदिरों के गर्भ गृह मे दानपात्र स्थापित करने सफल हो पाता है या नहीं।