रोजाना24, चम्बा,12 मार्च : चंबा जिला में जिन जगहों पर अनधिकृत खनन हो रहा है वहां खनन को अधिकृत तौर पर जल्द शुरू करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। लोकसभा सांसद एवं अध्यक्ष जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) किशन कपूर ने यह निर्देश आज बचत भवन में आयोजित समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के अनधिकृत खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने जिला खनन अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि खनन के लंबित लीज मामलों में अमली जामा पहनाया जाए ताकि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सके। जिले में जितनी अधिक अधिकृत खनन साइटें मौजूद होंगी अनधिकृत खनन पर उतना ही अंकुश लग पाएगा। किशन कपूर ने कहा कि चंबा जिला के भौगोलिक परिदृश्य और जलवायु के चलते यहां कृषि, बागवानी और पर्यटन विकास से आर्थिक स्वावलंबन का एक नया दौर शुरू होगा। उन्होंने कृषि और बागवानी विभागों के अधिकारियों को कृषि और बागवानी क्षेत्र से जुड़ी तमाम योजनाओं को जमीनी हकीकत पर उतारने के लिए कहा। उन्होंने चलो चंबा अभियान की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि अभियान चंबा जिला के पर्यटन परिदृश्य को बड़े आयाम देने में सफल होगा। सड़कों और पुलों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर बल देते हुए लोकसभा सांसद ने कहा कि लोक निर्माण विभाग गुणवत्ता को हर हाल में सुनिश्चित बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि बेवजह काम को लटकाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की जाए ताकि तय की गई समय अवधि में काम पूरा हो और लोगों को समय पर योजना का लाभ मिल पाए। किशन कपूर ने कहा कि नैशनल हाईवे 154-ए समूचे चंबा जिला की लाइफ लाइन है। नेशनल हाईवे डिवीजन इस सड़क के चौड़ीकरण और अपग्रेडेशन के कार्यों की गति में और तेजी लाए। नेशनल हाइवे डिवीजन के अधिशासी अभियंता ने लोकसभा सांसद को अवगत करते हुए कहा कि चैहली से बालू तक सड़क को चौड़ा करने के लिए 80 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि चंबा नगर में मेहता पैट्रोल पंप से सत्यम अस्पताल तक बनने वाले फ्लाईओवर पुल के लिए कंसल्टेंसी टेंडर किए जा चुके हैं। किशन कपूर ने यह भी कहा कि रावी नदी में जलस्तर बढ़ने से नेशनल हाईवे का जो हिस्सा धंसने की दृष्टि से संवेदनशील है वहां नदी के किनारे गहराई से कॉन्क्रीट दीवारों के निर्माण को लेकर भी अलग से डीपीआर तैयार की जाए। बनीखेत कस्बे में अक्सर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए बाईपास सड़क बनाने के लिए प्रारंभिक सर्वे करने के निर्देश भी किशन कपूर ने दिए। लोकसभा सांसद ने यह भी कहा कि जिले के जो इलाके भारी बर्फबारी से प्रभावित रहते हैं वहां बिजली की लाइनों के सुदृढ़ीकरण को लेकर बिजली बोर्ड अपना प्लान तैयार करे ताकि बर्फबारी की सूरत में ग्रामीणों को ट्रांसमिशन लाइनों के टूटने से कई दिनों तक बिजली की किल्लत का सामना न करना पड़े। इसके अलावा जल शक्ति विभाग सूखे की स्थिति से निपटने के लिए अपनी कार्य योजना तैयार रखे ताकि सूखा होने के कारण लोगों को पेयजल की सहूलियत मुहैया हो पाए। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना से वास्तविक तौर पर कितने किसानों को लाभ मिला इसका ब्यौरा प्रस्तुत किया जाए ताकि कृषि और बागवानी से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ अधिकाधिक लाभार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सके। किसानों और बागवानों को भी पूरी जानकारी मिलनी चाहिए कि इस फसल बीमा योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है। बैठक के दौरान किशन कपूर ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, जल जीवन मिशन, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समग्र शिक्षा अभियान, मिड डे मील, छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम समेत अन्य योजनाओं और स्कीमों की प्रगति की भी समीक्षा की। बैठक की कार्यवाही का संचालन उपायुक्त डीसी राणा ने किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा सांसद के दिशानिर्देशों के अनुरूप योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में भटियात के विधायक बिक्रम जरियाल विशेष तौर पर मौजूद रहे। जिला परिषद अध्यक्ष नीलम कुमारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस अरुल कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, एसडीएम चंबा शिवम प्रताप सिंह, एसडीएम सलूणी किरण भड़ाना, एसडीएम चुराह मनीष चौधरी, एसडीएम डलहौजी जगन ठाकुर, एसडीएम भटियात बचन सिंह, एसडीएम भरमौर मनीष सोनी, चंबा पंचायत समिति अध्यक्ष गुरुदेव सिंह, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण दिवाकर पठानिया, अधीक्षण अभियंता बिजली बोर्ड रुमेल सिंह ठाकुर, जिला पर्यटन विकास अधिकारी विजय कुमार के अलावा जिले के खंड विकास अधिकारियों और अन्य विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।