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प्रदेश में तीन वर्ष में ग्रामीण विकास विभाग ने खर्च किए 3500 करोड़ – वीरेंद्र कंवर

रोजाना24,ऊना 5 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से पिछले तीन सालों में प्रदेश सरकार ने गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 3500 करोड़ रूपए की धनराशि व्यय की है। मनरेगा के माध्यम से 2413.71 करोड़ रूपए 14वें वित्तायोग के माध्यम से,1004.88 करोड़ रूपए तथा पंचायत घरों के निर्माण के लिए 42 करोड़ रूपए खर्च किए गए है।

     यह बात ग्रामीण विकास,पंचायती राज,कृषि,मतस्य व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बचत भवन ऊना में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुए अथाह विकास कार्यो की बदौलत भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में ऐतिहासिक जनादेश मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3426 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए है। यहां 75 प्रतिशत भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है। इसके अलावा 60 पंचायत समितियों में से 53 में भाजपा काबिज हुई है,जबकि कांग्रेस के हिस्से मात्र 7 पंचायत समितियां आई है।
उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश में संपन्न 6 जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के चुनाव में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है। वीरेंद्र कंवर ने कहा  कि ऐसा अपार समर्थन उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष इन चुनावों को सैमीफाईनल की संज्ञा दे रहे थे,जिसमें उन्हेें करारी हार का सामना करना पड़ा है। अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के फाईनल मुकाबिले में भी भाजपा बड़ी जीत हासिल कर मिशन रिपीट के लक्ष्य को प्राप्त करेगी।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मार्गदर्शन में ऊना में प्रदेश का पहला स्वर्ण जयंति ग्राम स्वराज सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। जिसमें नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रदर्शनियों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियो को अगले पांच साल का रोड मैप भी दिखाया गया ताकि वह सफलता की कहानियों को देखकर अपनी पंचायतों के लिए विकास योजनाओं की रचना कर उन्हें अमलीजामा पहना सके। इस कार्यक्रम की सफलता के बाद अब प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्वर्ण जयंति ग्राम स्वराज सम्मेलन आयोजित किए जाएगें। वीरेंद्र कंवर ने कहा  कि प्रदेश व केंद्र सरकार जन-जन के कल्याण के लिए प्रतिबद्व है और वर्ष 2022 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाया जाएगा। ऊना जिला के लिए यह लक्ष्य मार्च,2021 तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक वर्ष में दस हजार नए मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार प्रदेश में 1.5 लाख नए मकान बनाए जाएगें। उन्होंने कहा कि लोगों को निरूशुल्क स्वास्थय बीमा देने वाली योजना हिमकेयर का हिमाचल प्रदेश के 5.50 लाख परिवारों को लाभ मिला है।
हिमाचल को जल्द मिलेगा बहुत बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट: विक्रम ठाकुर
इस अवसर पर उपस्थित उद्योग,परिवहन,श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जल्द ही केंद्र सरकार से बहुत बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट मिलने की आशा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने बल्क ड्रग पार्क को हासिल करने के लिए काफी मेहनत की है। जिसके सकारात्मक परिणाम आने की संभावना है। उन्होंने कहा  कि बल्क ड्रग पार्क के लिए केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रूपए की आर्थिक मदद मिलेगी, वहीं इसमें 10 हजार करोड़ रूपए का कुल निवेश होगा, जिससे 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर मिलेगें और इसका सीधा लाभ ऊना जिला के अलावा कांगड़ा,हमीरपुर व बिलासपुर जिला को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के उपरांत हिमाचल प्रदेश में 239 नए उद्योग आए है। जिनके माध्यम से 8049 करोड़ रूपए का निवेश हुआ है। इससे 21 हजार युवाओं को रोजगार मिला है। निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार भरसक प्रयास कर रही है। इसी दिशा में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया गया। जिसके बाद पहली ग्राऊंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 14 हजार करोड़ रूपए के निवेश को धरातल पर उतारा गया है। इसमें से 50 प्रतिशत पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है,जबकि कोरोना काल के चलते शेष 50 प्रतिशत कार्य विलंबित होने के बावजूद अब पटरी पर लौटा है। उन्होंने कहा कि मार्च या अप्रैल माह में दूसरी ग्राऊंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा,जिसमें 10 हजार करोड़ रूपए के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य निर्धारित है।
एक प्रश्न के उत्तर में विक्रम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक मित्र वातावरण तैयरार करने के लिए कटिबद्व है। इसी दिशा में प्रदेश में ट्रक युनियन व औद्योगिक  इकाईयों के मध्य बेहतर तालमेल के प्रयास किए जा रहे है और माननीय अदालत का निर्णय भी है कि उद्योगों को ट्रक युनियनों के भरोसे नही छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में अवैध खनन  व ओवरलोडिंग को रोकने के लिए पंाच माईनिंग पोस्ट स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला ऊना को औद्योगिक विकास की दृष्टि से तैयार किया जा रहा है तथा पंडोगा, मैहतपुर व पोलियां क्षेत्र में औद्योगिक विस्तार के लिए आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए पग उठाए जा रहे है।
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