रोजाना24,ऊना : जिला ऊना में 148 अनाथ बच्चों को बाल बालिका सुरक्षा योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। यह जानकारी उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने आज जिला बाल संरक्षण समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि जनवरी 2020 में इस योजना के तहत 7 नए मामलों को मंजूरी प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत पालक अभिभावकों को 2000 रूपए प्रतिमाह की दर से राशि बच्चे के पालन पोषण के लिए दी जाती है तथा 500 रूपए प्रतिमाह की दर से राशि बच्चे के नाम एफडीआर बनवाई जाती है। एफडीआर की राशि बच्चे को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के उपरांत दी जाती है। डीसी ने कहा कि जिला की सभी 234 ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण कमेटियां गठित की गई हैं, जिनका दायित्व बाल संरक्षण का कार्य एवं निगरानी करना है। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि चाइल्ड लाइन के माध्यम से अप्रैल से जून 2020 तक बाल अपराध के 57 मामले सामने आए हैं जिनमें से 53 मामलों का निपटारा कर दिया गया है, जबकि 4 पर अभी कार्रवाई की जा रही है। इनमें से बाल मजदूरी का एक मामला, बाल विवाह के दो मामले, भिक्षावृति के 5 मामले तथा 47 अन्य मामले हैं। इसके बाद डीसी ने वन स्टॉप सेंटर की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की।बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी शाम कुमार मल्होत्रा, जिला विधिक सेवा अभिकरण के सचिव विवेक खनाल, एएसपी विनोद कुमार धीमान, उप निदेशक उच्चतर शिक्षा पीसी राणा, प्रारंभिक शिक्षा संदीप कुमार गुप्ता, डीपीओ आईसीडीसी सतनाम सिंह, जिला पंचायत अधिकारी रमण कुमार शर्मा, एडवोकेट सुरेश एरी, डॉ. निखिल शर्मा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।