रोजाना24,ऊनाः कोरोना ने यूँ तो समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है। लेकिन इसका सबसे बुरा असर दिहाड़ीदारों पर हुआ। संकट की इस घड़ी में जय राम सरकार कामगार वर्ग के लिए संकटमोचक बनकर सामने आई है। पूर्णबंदी के दौरान निर्माण तथा अन्य विकास कार्यों पर ब्रेक लगने से श्रमिकों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने रोज़ कमाकर खाने वालों का दर्द समझते हुए उनकी आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया।भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत जि़ला ऊना के 7,384 श्रमिकों को दो-दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई, ताकि वह सम्मान के साथ अपना तथा अपने परिवार का गुज़ारा कर सकें। राज्य सरकार ने तमाम पंजीकृत श्रमिकों को अप्रैल और मई माह में 2,000 रुपए की दो किश्तें मुहैया करवाईं। अब कामगारों को एक अतिरिक्त किश्त देने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही जून की 2,000 रुपए की अतिरिक्त किश्त भी श्रमिकों को मिल जाएगी।मलाहत निवासी कुलवंत कौर ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के चलते काम न मिलने से बहुत परेशानी हो रही थी। मनरेगा कार्य बंद हो गए थे, ऐसे में सरकार ने 2-2 हजार रुपए की दो किश्तें प्रदान की हैं, जिससे काफी मदद मिली। मेरा पूरा परिवार प्रदेश सरकार का इस आर्थिक सहायता के लिए धन्यवाद करता है।’’मनरेगा के तहत काम करने वाली कुरियाला निवासी सुनीता देवी ने बताया कि सरकार से मिली आर्थिक सहायता ने मुश्किल की घड़ी में बड़ी सहायता प्रदान की। अब तक दो-दो हज़ार रुपए की दो किश्तें बैंक खाते में आ चुकी हैं। अब पता चला है कि एक किश्त और मिलने वाली है। जि़ला प्रशासन ऊना ने लॉकडाउन के दौरान राशन भी उपलब्ध करवाया था। मदद के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी का आभार है।मलाहत ग्राम पंचायत की बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहती हैं कि भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के बाद प्रदेश सरकार पंजीकृत कामगारों को कई योजनाओं से लाभान्वित करती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार उन्हें पहले ही वॉशिंग मशीन, बिजली वाला चूल्हा प्रदान कर चुकी है। लॉकडाउन में राशन भी उपलब्ध करवाया गया है।इस संबंध में श्रम अधिकारी ऊना प्रेम सिंह चंबियाल ने बताया, ‘‘प्रदेश सरकार भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड से पंजीकृत मजदूरों को अनेक योजनाओं से लाभान्वित करती है। कोरोना संकट के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को 2-2 हजार की दो किश्तें प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार कामगारों के बच्चों की शिक्षा के लिए तथा बच्चों के विवाह के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान करती है। जो भी श्रमिक अभी तक बोर्ड से पंजीकृत नहीं है, वह जल्द से जल्द पंजीकरण कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।’’ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार, ‘‘प्रदेश के पंजीकृत 1.37 लाख कामगारों को राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भरसक प्रयास किए हैं। श्रमिकों को 2-2 हजार रुपए की किश्त प्रदान करने पर लगभग 40 करोड़ रुपए व्यय किए गए। यही नहीं अब मनरेगा के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 3.60 लाख कामगाारों को मनरेगा के माध्यम से रोज़गार दिया गया और उनके खाते में 60 करोड़ रुपए धनराशि डाली गई। यही नहीं मनरेगा मज़दूरों व श्रमिकों की दिहाड़ी 182 रूपए से बढ़ाकर 202 रूपए की गई है।