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सौभाग्य से मिलते हैं ऐसे देव तुल्य पड़ोसी,कोरोना से बचाया जीवन.

रोजाना24,ऊना : दुनिया भर में हज़ारों लोगों की जान लेने वाली वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद समाज में मानवता, जि़ंदादिली तथा नैतिकता की अनेक मिसालें सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक मामला है ऊना जि़ला के बंगाणा उपमंडल के तहत आने वाले बौट गांव का है, जहां पड़ोसियों के सहयोग तथा उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने से कोरोना संक्रमित एक परिवार अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है।  बौट गाँव के इस परिवार के 5 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिनमें एक 90 वर्षीय वृद्धा, उनका बेटा, बहू तथा दो पोतियां शामिल थीं। केवल उनका पोता ही कोरोना संक्रमण से अछूता था। महिला के पुत्र सेना से सेवानिवृति के बाद 2 जून को मुंबई से लौटे थे। आठ जून को लिए गए सैंपल में उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजि़टिव पाई गई। जिसके बाद कोरोना संक्रमित इस व्यक्ति को कोविड केयर सेंटर खड्ड में शिफ्ट कर दिया गया। वृद्ध महिला की आयु को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शेष सदस्यों को होम क्वारंटीन में रखने का फैसला किया। डॉक्टरों की सही देखभाल तथा होम क्वारंटीन के नियमों का सख्ती से पालन करने के फलस्वरूप अब वृद्ध महिला कोरोना को हरा कर पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।काबिलेगौर है कि 14 जून को बुज़ुर्ग महिला की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। लेकिन उन्होंने 10 दिन में ही कोरोना को हरा दिया। 24 जून को जब उनका दोबारा टेस्ट किया गया, तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। अब परिवार के सभी पांचों सदस्य पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैं। परिवार की प्रमुख 90 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला ने प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, ‘‘सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों की अच्छी देखभाल से मैं और मेरा परिवार कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं।’’ सेना से सेवानिवृत महिला के पुत्र की रिपोर्ट 18 जून को नेगेटिव पाई गई। उन्होंने बताया “सेना से जुड़े होने की वजह से पूरे परिवार ने अनुशासन में रहकर होम क्वांरटीन नियमों का पालन किया; जिससे उन्हें इस महामारी से शीघ्र मुक्ति पाने में सफलता मिली। पूरे परिवार ने मजबूत इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए अपना मनोबल बनाए रखा। साथ ही उनके पड़ोसियों ने पूरे परिवार का भरपूर साथ दिया। हिमाचल प्रदेश में सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है तथा डॉक्टरों ने भी उनका पूरा ध्यान रखा। पूरा परिवार इसके लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभारी है।”इस परिवार के स्वस्थ होने में पड़ोसियों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। कोरोना संक्रमित परिवार का केवल एक ही सदस्य वायरस से अछूता रहा। वायरस प्रभावित व्यक्तियों का इलाज भी घर पर हो रहा था, ऐसे में अगर उसके खाने का प्रबन्ध अलग से नहीं होता, तो वह भी संक्रमित हो सकता था। संकट की घड़ी में पड़ोसियों ने परिवार का साथ निभाया।मदद करने वाले पड़ोसी राजेश बताते हैं कि कोरोना से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। अत: बीमारों की मदद करना भी समाज का ही दायित्व है। पड़ोसी परिवार के जब कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिली तो पता चला कि उनका बेटा संक्रमित नहीं हुआ है तो हमने उसके खाने का प्रबंध किया। हम खाना बनाकर दीवार पर रखने के बाद उन्हें फोन कर देते थे ताकि बच्चा खाना खा ले। मदद करते समय पूरी सावधानी बरतते हुए मास्क तथा ग्लव्स का प्रयोग किया, जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं हुई।ऊना जि़ला के सीएमओ डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि 90 वर्षीय महिला का कोरोना को मात देना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है। वह कोरोना को मात देने वाली प्रदेश की सबसे उम्र दराज़ व्यक्ति हैं। अगर मरीज़ होम क्वारंटीन में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का सहयोग करते हुए नियमों का सही ढंग से पालन करें तो कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। क्वारंटीन के दौरान संयम और मनोबल बनाए रखने से सकारात्मक वातावरण मिलता है।

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