Nowruz से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

Nowruz (Navroz) से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

1. Nowruz किस धर्म द्वारा मनाया जाता है? Nowruz मुख्य रूप से जोरोएस्ट्रियन (Zoroastrianism) और बहाई (Bahá’í) धर्मों के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है। हालांकि, यह त्योहार ईरान, मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और कई अन्य देशों में सांस्कृतिक रूप से भी मनाया जाता है, इसलिए इसे किसी एक धर्म तक सीमित नहीं किया जा सकता।…

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महा शिवरात्रि 2025: जानिए व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

महा शिवरात्रि 2025: जानिए व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

महा शिवरात्रि 2025 भारत में 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान शिव की अराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग का अभिषेक कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इस पर्व को शिव-पार्वती के विवाह…

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मकर संक्रांति 2025: 12 साल बाद सूर्य-गुरु के शुभ योग से इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, बढ़ेगी कमाई

मकर संक्रांति 2025: 12 साल बाद सूर्य-गुरु के शुभ योग से इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, बढ़ेगी कमाई

14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार मकर संक्रांति पर एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जिसे सूर्य-गुरु नवपंचम योग कहा जाता है। यह शुभ योग 12 वर्षों के बाद आया है और इसका खास प्रभाव चार राशियों—वृश्चिक, धनु, मकर और मीन—पर पड़ेगा। इन…

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महाकुंभ के दौरान श्राद्ध करना: परंपरा, मान्यता और विवाद

महाकुंभ के दौरान श्राद्ध करना: परंपरा, मान्यता और विवाद

प्रयागराज:महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और पवित्र आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान कर अपनी आत्मा को पवित्र करने और पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। लेकिन, महाकुंभ के दौरान श्राद्ध (पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान) करना सही है…

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महाकुंभ मेला: एक विशाल आयोजन की चुनौती

महाकुंभ मेला: एक विशाल आयोजन की चुनौती

प्रयागराज:महाकुंभ मेला, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, हर बार एक अभूतपूर्व आयोजन की चुनौती प्रस्तुत करता है। महाकुंभ 2025 में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो रूस की आबादी से तीन गुना अधिक है। इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए व्यवस्थाएं हर बार और अधिक भव्य और…

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प्रयागराज महाकुंभ 2025: पहले दिन 60 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान, सुरक्षा और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

प्रयागराज महाकुंभ 2025: पहले दिन 60 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान, सुरक्षा और प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

प्रयागराज:दुनिया के सबसे बड़े मानव समागम के रूप में पहचाने जाने वाले महाकुंभ 2025 का शुभारंभ सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो गया। आयोजन के पहले दिन संगम तट पर लगभग 60 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। यह महाकुंभ न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि इसमें आधुनिकता और परंपरा का अनूठा…

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महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि का महामेला

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि का महामेला

प्रयागराज में महाकुंभ 2025: 2 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक वरदानप्रयागराज, उत्तर प्रदेश:आज सुबह से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का शुभारंभ हो गया है। इस पावन अवसर पर संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन स्थल) पर 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पहला पवित्र स्नान किया। इस बार का…

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image depicting the celebration of Sawan Somwar, with devotees performing Shiva worship in a beautifully decorated temple

सावन के पहले सोमवार से शुरु हो रही है शिव की आराधना, इस बार अद्भुत संयोग में पांच सोमवार होंगे

हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है और यह शिव की पूजा आराधना का मास है। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी पूजा पाठ की जाती है उसका विशेष फल प्राप्त होता है। इस बार सावन पर अद्भुत संयोग बन रहे हैं।…

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मणिमहेश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को अटल बिहारी पर्वतारोहण उप केंद्र में पंजीकरण करवाना होगा

भरमौर (चंबा)। मणिमहेश यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब नया नियम लागू किया गया है। उन्हें अटल बिहारी पर्वतारोहण उप केंद्र भरमौर में पंजीकरण करवाना होगा। बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को मणिमहेश जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रशासन द्वारा यह कदम मई महीने में डल झील के आसपास बर्फ होने के कारण…

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मणिमहेश यात्रा को 15 दिन से बढ़ाकर 3 महीने करने की उठी मांग

हिमाचल प्रदेश के पवित्र मणिमहेश यात्रा, जो प्रतिवर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, उसकी अवधि को 15 दिनों से बढ़ाकर तीन महीने तक करने की मांग उठ रही है। यह यात्रा, जो शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है, अब तक प्रति वर्ष श्रावण मास में संक्षिप्त अवधि के…

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कार्तिक स्वामी मंदिर और मराली माता मंदिर के कपाट खुलेंगे 13 अप्रैल को

कार्तिक स्वामी मंदिर और मराली माता मंदिर के कपाट खुलेंगे 13 अप्रैल को

हिमाचल प्रदेश की आध्यात्मिक धरती पर एक बार फिर से भक्ति की एक नई लहर दौड़ने वाली है। कार्तिक स्वामी (केलंग बजीर) और मराली माता मंदिर, कुगती (भरमौर) के कपाट आगामी 13 अप्रैल 2024 को सुबह 10 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे। यह घटना न केवल हमारी आस्था का प्रतीक है, बल्कि हिमाचल की…

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मणिमहेश यात्रा: मोबाइल नेटवर्क की कमी और हल्की बर्फबारी के वायरल खबरों ने बढ़ाई परिजनों की चिंता

मणिमहेश यात्रा के दौरान हाल की हल्की हिमपात की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। यह हिमपात 5 सितंबर को हुआ था, जन्माष्टमी के एक दिन पहले, और इसके बाद अगले दिन ही तेज गति से बर्फ पिघल गई। हालांकि इस हिमपात ने श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को अधिक कठिन नहीं बनाया, सोशल…

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