रोजाना24,चम्बा : जनजातीय क्षेत्र भरमौर के लाहल नामक स्थान पर स्थित गौ सदन अक्सर चर्चा में रहता है.पिछले कुछ वर्षों से इसका संचालन हासिल करने के लिए दाव पेच चल रहे हैं.शिव भूमि सेवादल समिति इसका संचालन सम्भलना चाहती है तो प्रशासन इसके संचालन किसी और को सौंपने की बात कर रहा है. लेकिन इस सब के बीच यहां मौजूद गौ वंश की दशा दिन व दिन खराब हो रही है.इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में गौ सदन से करीब बीस मवेशी लापता हैं.वहीं गो सदन में पशुओं का रख रखाव भी बुरी तरह किया जा रहा है.
करीब छ: वर्ष पूर्व क्षेत्र के गैर सरकारी संगठन शिव भूमि सेवा दल समिति ने खड़ामुख में बेसहारा गौ वंश की देखभाल का कार्य शुरू किया था.चूंकि उस वक्त बेसहारा पशुओं को रखने के लिए संगठन के पास न तो जगह थी व न ही कोई छत.इसी दौरान उच्चतम न्यायलय ने हर पंचायत में गौ सेवा सदन तैयार करने के निर्देश दिए तो भरमौर प्रशासन ने लाहल में बेसहारा गौवंश को आश्रय देने के लिए खंड स्तर का सदन बना दिया.जिसे शिव भूमि सेवादल समिति खड़ामुख ने सम्भालना शुरू कर दिया.लेकिन 02 दिसम्बर 2018 को होली में हुए जनमंच से प्रशासन ने इसके संचालन की जिम्मेदारी अपने हाथो में लेने की घोषणा कर दी थी.लेकिन प्रशासन ने इस सदन की जिम्मेदारी कैसे सम्भाली इस पर कोई जबाव प्रशासन की ओर से नहीं मिल रहा.इस गौ सदन में कितने पशु हैं न तो इनका कोई पंजीकरण है व न ही इनकी देखरेख करने वालों का कोई लेखा जोखा.
इस संदर्भ में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर पृथी पाल ने कहा कि यह मामला ग्रामीण विकास विभाग व पशु पालन विभाग से सम्बंधित है.जबकि पशुपालन विभाग व ग्रामीण विकास विभाग ने गौ सदन संचालन के विषय में अनभिज्ञता जाहिर की.खंड विकास अधिकारी महिन्दर राज ने कहा कि गौ सदन संचालन से सम्बंधित कोई जानकारी उनके पास नहीं है.लेकिन शिव भूमि सेवादल द्वारा सरकार को भेजे शिकायत पत्र के विषय में संगठन के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया गया है.
शिवभूमि सेवा दल समिति अध्यक्ष संजीव कुमार,संगठन के पदाधिकारी बली राम,योगराज व बाली शर्मा बताते हैं कि जब उन्होंने गौ सदन की जिम्मेदारी छोड़ी थी उस वक्त सदन में छत्तीस मवेशी थे.लेकिन अब वहां पंद्रह या सोलह मवेशी ही मौजूद हैं.उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए चारे की कोई व्यवस्थानहीं है.सुबह चरने के लिए पशुओं को छोड़ दिया जाता है,सांय चार बजे तक जो लौट आया उसे शेड के अंदर बंद कर दिया जाता है बाकि बाहर ठंड में ही ठिठुरते रहते हैं.उन्होंने कहा कि बहुत से मवेशी यहां से गायब है.सम्भावना है कि ठंड या भूख से उनकी मृत्यु हो गई है.उन्होंने कहा कि पूरे शेड में गोबर की मोटी परत जम चुकी है.मवेशियों के लिए चारा डालने की खुरली भी गोबर से भर चुकी है.वहीं मवेशियों के चारे व पानी की कोई व्यवस्था नहीं है.मवेशी यहां से निकल कर अब फिर से लोगों के खेतों में घूमने लगे हैं.
क्षेत्र में इन दिनों रात का तापमान शून्य से नीचे चल रहा है ऐसे में यह बे सहारा गोवंश जीने के लिए संघर्ष कर रहा है.शिवभूमि सेवादल प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र के बे सहारा पशुओं को एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जाए.अन्यथा वे इनकी सुरक्षा के संदर्भ में न्यायालय की शरण लेंगे.