रोजाना24,चम्बा : प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में इस समय सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाने का कार्य चल रहा है.प्रदेश का चम्बा जिला भी सेब के अग्रणी उत्पादकों में शामिल है.चम्बा जिला से अधिकांश सेब पंजाब की मंडियों में ही बेचा जाता है.सेब को चम्बा से बाहर बेचने पर जिला की मार्किट कमेटी भी इसी सीजन का इंतजार कर रही होती है.जहां से उसे अच्छी खासी आमदनी प्राप्त होती है.
भरमौर क्षेत्र से पंजाब की मंडियों मे सेब बेचकर लौटे बागवानों का कहना है कि मार्किट कमेटी उनसे 05 रुपये प्रति पेटी की दर से टैक्स वसूल रही है.बागवानों ने कहा कि जब उन्होंने बताया कि वे व्यापारी नहीं बल्कि बागवान हैं तो उनसे बागवानी पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया.जबकि बागवानों को यह पता ही नहीं था कि बागवानी का पंजीकरण प्रमाण भी होता है.इस तरह मार्किट कमेटी द्वारा बागवानों से व्यापारी के लिए निर्धारित फीस वसूली जा रही है.
जिला में फल व सब्जी भंडारण के लिए वर्षों से कोल्ड स्टोर निर्माण की मांग उठती रही है.कई सरकारें वायदा करके चली गईं लेकिन कोल्ड स्टोर की समस्या आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है.कोल्ड स्टोर की सुविधा के अभाव में बागवानों को अपनी वार्षिक नकदी फसल को जल्दबाजी में औनेपौने दामों पर बेचनी पड़ रही है.
उधर इस संदर्भ में मार्किट कमेटी सचिव डॉ आईडी ठाकुर बताते हैं कि मार्किट कमेटी ने सेब की एक पेटी की बिक्री का औसत मुल्य सौ रुपये माना है इस तरह बागवान को बागवानी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर एक प्रतिशत शुल्क जो कि प्रति पेटी एक रुपया व व्यापारी से 05 रुपये प्रति पेटी लिया जा रहा है.
भरमौर क्षेत्र के बागवानों का कहना है कि मार्किट कमेटी चम्बा ने क्षेत्र में बागवानी पंजीकरण के लिए न तो कोई शिविर लगाया व न ही बागवानों को इस बारे में कोई सूचना दी गई.बागवानों का कहना है कि एक प्रमाण पत्र बनावाने के लिए उन्हें भरमौर के दूर दराज के गांवों से चम्बा जाना पड़े यह तो उचित नहीं.जबकि मार्किट कमेटी के पास पूरा साल पंजीकरण के लिए रहता है.इसके बावजूद कमेटी ने बागवानों के लिए प्रमाण पत्र नहीं बनाए जिसका खामियाजा बागवानों को भुगतना पड़ रहा है. बागवानों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के भरमौर दौरे के दौरान इस मुद्दे पर शिकायत करेंगे.