हिमनद में फंसा मणिमहेश यात्रियों का दल,एडवेंचर एजेंसी ने किया बचाव.

रोजाना24,चम्बा : भरमौर क्षेत्र में इस समय मणिमहेश यात्रा चल रही है.हर रोज सैकड़ों लोग देश के कोने कोने से मणिमहेश यात्रा पर जा रहे हैं.लाहुल स्पीति जिला के शिव भक्त भी हर वर्ष की भांति लौहल से मणिमहेश वाया कुगति जोत होकर निकल रहे हैं.वर्फीले दर्रे तेज बहाव वाले हिमनद को पार कर लौहल स्पिति के श्रद्धालु करीब नब्बे किमी पैदल यात्रा करते हैं.

तीन दिन पूर्व लौहल स्पिति की ओर से 22 महिला पुरुष शिव भक्तों का दल मणिमहेश यात्रा पर निकला था.कुगति दर्रे को पार कर जब दल नीचे डुग्गी नाला नामक स्थान पर पहुंचा तो नाला उफान पर था.भेड पालकों द्वारा बनाई गई लकड़ी की अस्थाई पुलिया भी बह चुकी थी.श्रद्धालुओं के सामने अब नाला पार करने की मुसीबत खड़ी हो गई थी.क्योंकि इस स्थान पर रात्री ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं थी वहीं वापिस लौटने के लिए फिर उस खतरनाक कुगति दर्रे को पार करना पड़ता.पहाड़ों पर पिघलती वर्फ व वर्षा से डुग्गी नाला उफान पर था.पूरा दल परेशान होकर किसी मदद का इंतजार कर रहा था लेकिन वहां न तो कोई मोबाइल नेटवर्क था व न ही किसी की आवाजाही  है लिहाजा दल के लोग मायूस होने लगे.क्योंकि उस वक्त ऊपरी पहाड़ियों पर वर्षा भी शुरू हो गई थी जिस कारण नाले में जल स्तर लगातार बढ़ रहा था.

श्रद्धालु बचाव की आशा त्यागने ही वाले थे तभी नाले के दूसरे छोर से उन्हें लोगों की आवाजें सुनाई देने लगीं.जिस पर उनमें नाला पार करने की उम्मीद जगी.नाले के दूसरी ओर एडवेंचर व पर्वतारोहण करवाने वाली मणिमहेश एडवेंचर एजेंसी के दल ने उन्हें खतरे में घिरा हुआ देख लिया था.इस दल के निदेशक सरवण कुमार बताते हैं कि उनका दल दिल्ली के एक ग्रुप को इस क्षेत्र में एडवेंचर गतिविधियां से अवगत करवा रहा था.उन्होंने कहा कि जिस वक्त लाहुल स्पीति की ओर से श्रद्धालु डुग्गी नाला के पास पहुंचे उस वक्त नाले के ऊपर बनी अस्थाई पुलियां बह चुकी थीं व पानी के बीच से नाला पार कर पाना असम्भव था.हमारे दल के बलदेव राज,रामप्रसाद शर्मा,जगन सिंह,सुभाष कुमार ने रिवर क्रॉसिंग तकनीक से नाले के दूसरी ओर फंसे श्रद्धालुओं को सकुशल निकाल लिया.22 सदस्यों वाले इस दल में 06 महिला यात्री भी मौजूद थीं.उन्होंने कहा कि यह एक संयोग ही था कि उस वक्त हमारा दल भी वहीं मौजूद था.अन्यथा यह मार्ग मात्र भेड़ पालकों द्वारा लाहुल स्पीति की ओर अपने रेवड़ लाने ले जाने के लिए किया जाता है.जोकि कुगति दर्रा पार कर लाहुल स्पीति की चारागाहों में पहुंच चुके हैं.

नाला पार कर श्रद्धालुओं का दल मणिमहेश परिक्रमा पूरी कर आज बस मार्ग से वापिस लौट गया.

ग्रुप सदस्यों अनिरुद्ध तोशिपा,बबिता,विकास,विशाल,पूनम दीपक,ऊषा किरण,प्रदीप,सुमन, सोनम डोलमा,तेंनजिन,शमशेर,रोहित,शक्ति, सैलेश,रोहित ठाकुर,अश्वनी,अंकुश़ ज्ञामजो,प्रियंका, शमशेर,टिटू,रमेश मेलवा,शिवेन ठाकुर ने मणिमहेश एडवेंचर का धन्यवाद जताते हुए दल के सदस्यों को नकद पुरस्कार से सम्मानित भी किया.उन्होंनें कहा अगर यह दल समय पर सहायता करने के लिए न पहुंचता तो हालात बिगड़ सकते थे.मणिमहश एडवेंचर ने अपने नाम के अनुरूप कार्य कर मानवता व समाजिक समाज सेवा का बढ़िया उदाहरण प्रस्तुत किया है.