रोजाना24,चम्बा : चम्बा जिला विकास विभाग कार्यालय द्वारा पंचायत सचिवों के लिए खरीदे गए मोबाइल फोन खरीद में अनियमिताएं सामने आई हैं.जिला विकास खंड भरमौर में इन दिनों पंचायत सचिवों को महंगे मोबाइल स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं.लेकिन यह फोन किसने दिए इस पर बोलने को कोई तैयार नहीं है.
जिला पंचायत कार्यालय चम्बा से रेड मी नोट 7 एस नामक स्मार्ट मोबाइल फोन की खेप यह मोबाइल फोन भरमौर विकास खंड भरमौर पहुंची है.जहां से यह मोबाइल फोन विभिन्न पंचायत सचिवों को दिए जा रहे हैं.भरमौर विकास खंड की 29 पंचायतों में से अब तक 17 पंचायत सचिवों को यह मोबाइल फोन जारी हो चुके हैं.
पंचायत सचिवों ने मोबाइल फोन ले तो लिए हैं लेकिन इन्हें चलाने से अभी वे झिझक रहे हैं क्योंकि मोबइल फोन के साथ साथ उन्हें मोबाइल फोन का बिल भी थमाया गया है जोकि करीब 20 हजार रुपये का है.सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि 19978 रुपये मुल्य के मोबाइल की कीमत सम्बंधित पंचायत चुकाएगी.बिल में मोबाइल की कीमत देखकर पंचायत सचिवों के हाथ पांव फूल गए हैं.
गौरतलब है कि इस मोबाइल फोन की ऑनलाइन बाजार में कीमत 10799 रुपये है.जबकि विभागीय अधिकारियों ने इसके लिए करीब 20 हजार रुपये का बिल थमा दिया है.
मोबाइल फोन सप्लाई में गड़बड़ होने की आशंका तो इसलिए भी बढ़ गई क्योंकि इसके लिए न तो पंचायतों से कोई प्रस्ताव लिए गए हैं.व न ही सप्लाई आर्डर के लिए जरूरी मापदंड अपनाए गए हैं.सूत्र बताते हैं कि जो बिल पंचायत सचिवों के माध्यम से भेजे गए हैं उन पर कोई दिनांक भी नहीं लिखी गई है.मैसर्ज एनएस एनेर्जीज़ भदरेड़,नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा द्वारा यह बिल सीधे पंचायतों के नाम से जारी किए गए हैं.
आबकारी एवं कराधान कानूनों के अनुसार किसी भी वस्तु को अंकित मुल्य से अधिक पर बेचा जाना अपराध है जबकि इन मोबाइल सैट के अंकित मुल्य को हटाकर निर्धारित विक्रय मुल्य से अधिक का बिल जारी किया गया है जोकि मोबाइल खरीद में किसी बड़े गड़बज़झाले की ओर संकेत करता है.
वहीं जिन पंचायतों को इसका बिल भरना है उनके प्रतिनिधियों को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है.ग्राम पंचायत सांह के प्रधान अशोक कुमार बताते हैं कि उन्हें इस बारे कोई जानकारी नहीं जब मोबाइल का बिल आएगा तभी कुछ देखेंगे.ग्राम पंचायत सचूईं की प्रधान अंजना ठाकुर ने कहा कि अभी तो उनके सामने ऐसा मामला नहीं आया है अगर ग्राम पंचायत को सचिवों के लिए मोबाइल फोन खरीदने की आवश्यकता हो तो वह अपने स्तर पर खरीद करेगी.बिना किसी पड़ताल के वह कोई बिल कैसे भर सकती है.
इस मामले जिला पंचायत अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है.यहां यह बताना जरूरी है कि भरमौर विकास खंड में पहुंची मोबाइल फोन की खेप जिला पंचायत कार्यालय चंबा से ही जारी की गई है.जिसकी प्राप्ति रजिस्ट्र नें दर्ज की गई है.ऐसे में अधिकारी का मुकरना बड़ी गड़बड़ी का संदेह पैदा करता है.
उधर विकास खंड भरमौर में खंड विकास अधिकारी के तबादले के बाद कार्यालय का कार्यभार देख रहे पंचायत निरीक्षक ने कहा कि उनके पास जिला कार्यालय से मोबाइल फोन व उनके बिलों की सप्लाई पहुंची है.उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार वे इन्हे पंचायत सचिवों को दे रहे हैं.जिसके लिए वे सचिवों से प्राप्ति हस्ताक्षर भी ले रहे हैं.उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की जियो टैगिंग के लिए यह स्मार्ट फोन सचिवों को दिए जा रहे हैं.
क्षेत्र में इस मामले काफी चर्चा चल रही रही लोग इसे भ्रष्टचार का मामला बताकर जांच की मांग भी कर रहे हैं.अब देखना यह है कि सरकार व प्रशासन आम लोगों की जेब पर पड़ने वाली इस अप्रत्यक्ष डकैती पर क्या संज्ञान लेते हैं.