रोजाना24,चम्बा :- भरमौर उपमंडल आजकल शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चर्चा में है.चाहे जिस स्कूल में बच्चों का शैक्षणिक स्तर मापें,हालात चिंतनीय ही मिल रहे हैं.भरमौर प्रशासन के औचक निरीक्षण की रिपोर्ट तो यही ब्यान कर रही है कि यहां बच्चों की पढ़ाई का स्तर काफी नीचा है.
आज प्रशासनिक टीम ने रावमापा पूलिन का औचक निरीक्षण किया.अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी भरमौर पृथीपाल सिंह ने स्कूल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया इस दौरान स्कूल से तीन अध्यापक छुट्टी पर थे.स्कूल में दसवीं व जमा दो की कक्षाएं चल रही थीं.अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ने दोनों कक्षाओं को साथ बिठा कर घटाव का एक प्रश्न हल करने को दिया.लेकिन इस प्रश्न को दसवीं कक्षा का एक छात्र ही हल कर पाया.वहीं ‘सीता स्कूल जाती है’ व ‘सप्ताह में सात दिन होते हैं’ वाक्यों को कोई भी छात्र अंग्रेजी में परिवर्तित नहीं कर पाया.
गौरतलब है कि व्याकरण से जुड़े इन सामान्य वाक्यों को काल के अनुसार अंग्रेजी भाषा में परिवर्तित करने जैसे विषय राजकीय विद्यालयों में छठी कक्षा से ही पढ़ाना शुरू कर दिए जाते हैं.
छात्रों की स्तरहीन शिक्षा को लेकर उन्होंने विद्यालय की कार्यकारी प्रधानाचार्य ऊषा कुमारी को निर्देश दिए कि बच्चों का स्तर सुधारने के लिए अध्यापकों को कक्षाओं में अतिरिक्त प्रयास करें.
कार्यकारी प्रधानाचार्य ऊषा कुमारी ने कहा कि प्राथमिक स्तर से पास आऊट होकर बड़ी कक्षाओं में पहुंचने वाले बच्चों का शैक्षणिक स्तर बहुत नीचा होता है जिन्हें पाठ्यक्रम पूरा करवाने के प्रयास में आधारभूत विषय पीछे छूट जाते हैं.जिन्हें पूरा करने के लिए अध्यापकों को वक्त ही नहीं मिल पाता.
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पृथीपाल सिंह ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों ने अगर समय रहते बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल पर दबाव न बनाया तो उनके बच्चे आगे चलकर किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाएंगे.उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर पर शिक्षा में सुधार का प्रयास कर ही रहे हैं.