दो सितम्बर से आरम्भ होगा जन्माष्टमी पर्व – पंडित ईश्वर दत्त.

भरमौर – दो सितम्बर को रात्री आठ बजकर उनचास मिनट से शुरू होगा जन्माष्टमी पर्व – पं. ईश्वर दत्त शर्मा.

विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा स्नान के विषय में श्रद्धालुओं की उत्सुकता को शांत करते हुए भरमौर के प्रसिद्ध ज्योतिष पंडित ईश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि श्री विष्णु पुराण व अन्य ग्रन्थों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि बुधवार रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशी चन्द्रमा के अर्ध रात्रि काल में हुआ था.जिस कारण इस दिवस को जन्माष्मी के नाम से जाना जाता है.स्नातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है.

हिमाचल प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित मणिमहेश नामक तीर्थ स्थल पर इस दिन धार्मिक स्नान किया जाता है.जिसके लिए देश विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.ईश्वर दत्त ने कहा कि इस वर्ष 2 सितम्बर 2018 रविवार रात्री 8:46 बजे तक सप्तमी रहेगी.तदोपरांत चन्‍द्रोदय के साथ 8:49 बजे से अष्टमी आरम्भ होगी.इसी समयावधि में कृष्ण जन्म योग बन रहा है.अत: इसी दरम्यान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

जिसमें जन्माष्टमी स्नान सुबह चार बजे से शाम सात बजकर बीस मिनट तक किया जा सकता है.इस अवधि में किया गया स्नान पुण्य दिलाने वाला है.

मणिमहेश झील में स्नान के लिए यात्रियों ने जून माह के प्रारम्भ से जाना शुरू कर दिया है.और अभी हर दिन दो सौ लोग मणिमहेश यात्रा पर जा रहे हैं.

प्रशासन ने यात्रा की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.जिसके तहत सड़क व पैदल मार्गों को दुरुस्त करने के साथ साथ पैदल मार्ग पर पेय जल व्यवस्था बहाल की जा रही है.

अतिरिक्तत जिला दण्डाधिकारी पृथी पाल सिंह का कहना है कि साफ मौसम में यात्रियों के लिए मणिमहेश पैदल मार्ग पूरी तरह सुरक्षित है.उन्होंने कहा कि यात्री अपने साथ गर्म कपड़े जरूर रखें.व आपात स्थिति में धन्छो स्थित आपात सहायता बेस कैम्प में सम्पर्क करें.वहीं मौसम खराब होने की स्थिति में यात्रा पर न जाएं.उन्होंने कहा कि मणिमहेश से हड़सर तक के पैदल मार्ग पर लोनिवि,सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग,पर्वतारोहण के कर्मचारी आसानी से मिल जाएंगे जिन्हें आपात स्थिति में यात्रियों की सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया है.यात्री इनसे यात्रा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.