शिमला। हिमाचल प्रदेश में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक नई पहल की है। अब प्रदेश के सभी कॉमर्शियल वाहनों — जिनमें टैक्सियां, प्राइवेट बसें और एचआरटीसी की बसें शामिल हैं — में डस्टबिन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम मंगलवार से लागू किया गया है और बुधवार से पूरे राज्य में सख्ती से इसकी चैकिंग शुरू की जा रही है।

टैक्सी व बस ऑपरेटरों ने दिखाया सहयोग
हालांकि टैक्सी यूनियनों का कहना है कि उन्हें सरकार की ओर से अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और पर्यावरण हित को देखते हुए उन्होंने अपने स्तर पर ही अपने वाहनों में डस्टबिन की व्यवस्था कर दी है। अधिकांश टैक्सी और प्राइवेट बस ऑपरेटर इस नियम को मानने के लिए तैयार हैं और सभी वाहन मालिकों को डस्टबिन लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
एचआरटीसी ने भी सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों (RMs) को निर्देश जारी किए हैं और निगम उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने बताया कि सभी एचआरटीसी बसों में डस्टबिन लगाए जा चुके हैं। चालकों को डस्टबिन वितरित कर दिए गए हैं ताकि सफर के दौरान कचरा वाहन में ही एकत्रित किया जा सके।
बुधवार से शुरू होगी सख्त चैकिंग, भारी जुर्माने का प्रावधान
परिवहन विभाग अब इस नियम को लेकर एक्शन मोड में आ गया है। बुधवार से पूरे राज्य में आरटीओ (RTO) और अन्य परिवहन अधिकारी फील्ड में उतरेंगे। जिन कॉमर्शियल वाहनों में डस्टबिन नहीं पाए जाएंगे, उन पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति वाहन से बाहर जैविक या अन्य कचरा फेंकते हुए पकड़ा गया, तो उस पर ₹1,500 का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने यह कदम प्रदेश को स्वच्छ और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में उठाया है।
पर्यावरण हित में अहम कदम
यह पहल प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और राज्य के ‘ग्रीन हिमाचल मिशन’ को धरातल पर उतारने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे आमजन में जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम बताया है।