शिमला: आईजीएमसी में कैंसर मरीज की मौत, परिजनों ने इंजेक्शन न मिलने पर जताया आक्रोश, मामला पहुंचा सीएम हेल्पलाइन

शिमला: आईजीएमसी में कैंसर मरीज की मौत, परिजनों ने इंजेक्शन न मिलने पर जताया आक्रोश, मामला पहुंचा सीएम हेल्पलाइन

शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में एक कैंसर रोगी की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे हैं। मृतक मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत होने के बावजूद समय पर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे रोगी की जान चली गई। यह मामला अब सीएम हेल्पलाइन में पहुंच चुका है, और मुख्यमंत्री से इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

हिमकेयर योजना के बावजूद इंजेक्शन नहीं मिला

मृतक देवराज, जो कि हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत थे, का उपचार आईजीएमसी शिमला में चल रहा था। उनकी बेटी जाह्नवी शर्मा ने सीएम हेल्पलाइन को दी शिकायत में कहा है कि उनके पिता को इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन समय पर उपलब्ध नहीं कराया गया। परिजनों का कहना है कि हिमकेयर योजना में पर्याप्त राशि उपलब्ध थी, फिर भी प्रशासन की लापरवाही के कारण इंजेक्शन नहीं दिया गया।

बीते माह देवराज की मौत हो गई, और परिजनों का आरोप है कि अगर समय पर इंजेक्शन उपलब्ध होता, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज

मृतक की बेटी जाह्नवी शर्मा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराते हुए इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और हिमकेयर योजना के क्रियान्वयन में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जाह्नवी का कहना है कि उनके पिता को जिस इंजेक्शन की जरूरत थी, उसे उपलब्ध कराने में अस्पताल प्रशासन असफल रहा।

हिमकेयर योजना पर सवाल

यह मामला हिमाचल प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, लेकिन इस घटना ने इसके क्रियान्वयन में खामियां उजागर की हैं।

परिजनों का आरोप है कि योजना के तहत पंजीकृत होने के बावजूद, मरीज को इलाज के लिए जरूरी दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिले। यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है, बल्कि ऐसे मामलों में योजना की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़े करती है।