शिमला के चौपाल उपमंडल के झीना के तुईल गांव में मार्च 2015 में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में अदालत ने 33 आरोपियों को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में सजा का ऐलान किया। दोषियों को विभिन्न धाराओं के तहत कठोर कारावास और जुर्माने की सजा दी गई है।
7 साल की सजा और जुर्माना
आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 452 के तहत 7 साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया तो उन्हें 6 महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी।
अन्य धाराओं के तहत सजा का विवरण
धारा 325: 5 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये का मुआवजा मृतक की पत्नी वीरेंद्र देवा को देने का आदेश। मुआवजा न देने पर 6 महीने का साधारण कारावास।
धारा 440: 3 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये का मुआवजा मृतक की पत्नी को। मुआवजा न चुकाने पर 6 महीने की साधारण कैद।
धारा 148: 3 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना। जुर्माना न देने पर 6 महीने की साधारण कारावास।
मृतक की पत्नी को मुआवजा
अदालत ने मृतक की पत्नी वीरेंद्र देवा को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। यह मुआवजा आरोपियों द्वारा अदा किया जाएगा।
अदालत का फैसला
जिला न्यायवादी मुक्ता कश्यप ने बताया कि अदालत ने पहले ही 33 आरोपियों को दोषी ठहराया था। शुक्रवार को सजा का ऐलान करते हुए अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि दोषियों को कठोर दंड मिले।
मामले की पृष्ठभूमि
यह घटना 2015 की है, जब चौपाल के तुईल गांव में ग्रामीणों ने गुस्से में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था।