भरमौर के नड्डा जल भंडारण टैंक में हाल ही में एक मरा हुआ बछड़ा मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। इस टैंक से हजारों भरमौर निवासियों को पीने का पानी आपूर्ति किया जाता है, और संभावना है कि कई लोग इस दूषित पानी का सेवन कर चुके होंगे। ग्रामीणों की मदद से बछड़े के शव को टैंक से हटा दिया गया है, और फिलहाल जलशक्ति विभाग ने टैंक को खाली कर सफाई शुरू कर दी है। लेकिन दूषित पानी के सेवन से लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह कहना मुश्किल है।
लोगों के मन में अब यह डर घर कर गया है कि वे मरे हुए बछड़े वाला गंदा पानी पी चुके हैं, और इस भयावह विचार को मिटाना उनके लिए आसान नहीं होगा। इस घटना के बाद से पानी की आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है, और प्रशासन ने पानी की शुद्धता की जांच के बाद ही आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है।
जलशक्ति विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली और जल टैंकों की नियमित देखरेख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भरमौर के निवासियों का कहना है कि यदि टैंकों की समय-समय पर सही तरीके से सफाई और निरीक्षण होता, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था। ग्रामीणों ने जलशक्ति विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग की इस चूक से पूरे क्षेत्र के लोगों की सेहत खतरे में पड़ गई है।
लोगों की मांग
स्थानीय निवासियों ने जलशक्ति विभाग की जिम्मेदारी तय करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। फिलहाल पानी को उबालकर या फिल्टर करके ही पियें।