संस्कृत अध्यापकों को मिले टीजीटी का दर्जा !

आज 27 मई को संस्कृत शिक्षक संघ भरमौर इकाई का चुनाव संघ के जिला अ ध्यक्ष एवं चुनाव पर्यवेक्षक अमर सिंह की देखरेख मैं सम्पन हुए.रामापा लाहल में संस्कृत अध्यापकों ने चुनाव प्रक्रिया का आयोजन किया.जिसमें रावमापा औरा में तैनात संस्कृत शिक्षक धीरे राम को प्रधान,रावमापा भरमौर में कार्यरत अशोक कुमार को उप प्रधान,रामापा लाहल के रणजीत कुमार को सचिव व अशोक कुमार रामापा सुल्लो को सह सचिव,शक्ति प्रसाद राउपा न्याग्रां को कोषाध्यक्ष चुना गया.छज्जूराम व विशनू राम को मुख्यसलाहकार व हरवंश को मीडिया सचिव का पदभार सौंपा गया.

बैठक में निर्णय लिया कि संघ सरकार को डीएलईडी की शर्त को वर्ष 2018 में ही समाप्त करें व संस्कृत अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दे.बैठक को सम्बोधित करते हुए मीडिया प्रभारी हरवंश ने कहा कि कुछ संस्कृत अध्यापक तो एक दशक से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं ऐसे में अगर उक्त अध्यापकों को भी सरकार अगर पढ़ाने के योग्य नहीं मानती तो तो वे डीएलईडी के कामचलाऊ प्रशिक्षण से कुछ दिन में ही कैसे काबिल बन सकते हैं.लिहाजा ऐसी पॉलिसी को खत्म किया जाना चाहिए.कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित कर शिक्षा मंत्री को भेज दिया है.