श्रिखंड महादेव यात्रा, भारत की सबसे कठिन तीर्थयात्राओं में से एक, हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान शिव के निवास के रूप में प्रसिद्ध है। यह तीर्थस्थान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है और लगभग 17000 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रिखंड महादेव शिखर तक ले जाता है। इस तीर्थयात्रा की चुनौतीपूर्ण और रोमांचक यात्रा के माध्यम से हर साल हजारों हिंदू तीर्थयात्री भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं।
यात्रा के महत्वपूर्ण तथ्य
श्रिखंड महादेव यात्रा का आयोजन कुल्लू जिला प्रशासन और श्रिखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निर्मंड द्वारा जुलाई माह में 10-12 दिनों के लिए किया जाता है। हालांकि यह गर्मियों का समय होता है, लेकिन अप्रत्याशित बारिश और बर्फबारी के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। तीर्थयात्रा के चरम समय में भोजन, पानी और सोने के बैग आसानी से उपलब्ध होते हैं, लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि अपने सोने के बैग और अन्य दैनिक आवश्यक वस्त्र अपने साथ रखें। अतिरिक्त सामान ना ले जाएं, परंतु पानी की बोतलें, ग्लूकोज के पाउच, गर्म कपड़े, वर्षा के कपड़े, टॉर्च और सूखे फल अवश्य साथ रखें।
यात्रा का मार्ग और सावधानियाँ
यह 35 किलोमीटर लंबा कठिन मार्ग है और शारीरिक रूप से अक्षम और कमजोर दिल वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। यह यात्रा लगभग 4-5 दिनों में पूरी होती है और इसका पंजीकरण अनिवार्य है। यात्रा के मार्ग में अल्पाइन घास के मैदानों से होकर गुजरते हुए 72 फीट की शिलालिंग के शिखर तक पहुंचती है।
आवश्यक सूचनाएँ
- यात्रा की तिथियाँ: 14 जुलाई, 2024 से 27 जुलाई, 2024 तक।
- बेस कैंप सिंहगड में मेडिकल चेकअप में अस्वस्थ पाए जाने पर पंजीकरण शुल्क वापिस नहीं होगा।
- 18 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
- पंजीकरण अनिवार्य है, बिना पंजीकरण के यात्रा करने पर किसी भी बेस कैंप से वापस भेजा जा सकता है।
- पंजीकरण शुल्क: प्रति यात्री 250/- रुपये।
यात्रा से संबंधित महत्वपूर्ण लिंक्स
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श्रिखंड महादेव यात्रा/ट्रेक के बारे में और जानें
किसी भी यात्रा संबंधी प्रश्नों के लिए एसडीएम कार्यालय निर्मंड से संपर्क करें: 01904-299139