राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग: कानून और पार्टी अनुशासन की उपेक्षा

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनावों के दौरान छह विधायकों द्वारा क्रास वोटिंग करने की घटना ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता, इंदु पटियाल ने इसे कानून और पार्टी अनुशासन की सीमा को लांघने का कृत्य बताया है। उन्होंने कहा, “अनुशासन और मर्यादा का पालन करने की शपथ ली जाती है, और इसका उल्लंघन करना संविधान के साथ मजाक है।”

पटियाल ने आगे बताया कि कुछ विधायकों ने अपने कृत्य का ठीकरा मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर फोड़ने का प्रयास किया है, जो उनका स्वभाव बन चुका है। यह न केवल अनुचित है बल्कि जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का भी उल्लंघन है।

इंदु पटियाल ने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हिमाचल प्रदेश में, जो कि एक शांतिपूर्ण राज्य है, उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। नेता प्रतिपक्ष, जयराम ठाकुर पर वित्तीय सत्र के दौरान मीडिया में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, प्रदेश सरकार पूर्ण बहुमत में है और निश्चित रूप से अपना कार्यकाल पूरा करेगी। इस तरह की क्रियाकलाप न केवल राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित करती हैं बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करती हैं।