हिमाचल प्रदेश के छात्रवृत्ति घोटाले में ED ने बड़ी सफलता प्राप्त की है, जहां उन्होंने 6.25 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। इसमें मोहाली और शिमला में पांच आवासीय प्लाट और 14 बैंक खातों की राशि शामिल है। इसे अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है। ED ने Prevention of Money Laundering Act (PMLA) 2002 के प्रावधानों के तहत राजदीप सिंह, कृष्ण कुमार, और अन्यों की संपत्ति जब्त की है।
इस घोटाले का मामला 2022 में उजागर हुआ था, जब 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी। इसमें अब तक कुर्क की गई अपराध की कुल आय 10.67 करोड़ रुपये है। इस घोटाले के अंदर, 2013 से 2017 तक, प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का हिस्सा था। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी राशि हड़प ली थी और जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सालों तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई थी।
यह मामला थाना छोटा शिमला में 16 नवंबर, 2018 को शिक्षा विभाग की शिकायत पर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था, और फिर मामला सीबीआइ को सौंपा गया था। सीबीआइ ने सात मई, 2019 को एफआइआर दर्ज करके मामला ED को सौंपा गया था। ED ने 29 अगस्त को चार राज्यों में छापेमारी की थी और 31 अगस्त को चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
यह सफलता ईडी की कठिन मेहनत और उनकी विशेषज्ञता का परिणाम है, जिससे छात्रों को उनके अधिकार वापस मिल सकते हैं और घोटालेबाजों को सख्त सजा हो सकती है।