रोजाना24,चम्बा 01 अक्तूबर : भरमौर मुख्यालय में आज उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा राज्य स्तर चलाए जा रहे मतदाता जागरूकता अभियान को रुकवाने के लिए पुलिस पहुंच गई। लेकिन एबीवीपी प्रतिनिधियों द्वारा उपायुक्त द्वारा जारी अनुमति पत्र प्रस्तुत करने के बाद पुलिस लौट गई । घटना के बारे में जानकारी देते हुए एबीवीपी इकाई अध्यक्ष विवेक चाढ़क व महामंत्री पंकज अत्री ने कहा कि विस चुनावों में सौ प्रतिशत मतदान करवाने के लिए एबीवीपी द्वारा प्रदेश भर में मतदाता जागरूकता अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज भरमौर मुख्यालय के चौरासी मंदिर परिसर में भी मतदाताओं को मतदान की अनिवार्यता की जानकारी दी जा रही थी। लेकिन इसी दौरान वहां पुलिस आ धमकी व कार्यक्रम को राजनीतिक होने का हवाला देते हुए इस मतदाता जागरूकता शिविर को जबरन बंद करवाने लगी। उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने तमाम तथ्य दिए लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं हो रही थी। पुलिस कर्मियों का कहना था कि इस कार्यक्रम के खिलाफ शिकायत मिली है।
संगठन प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके पास इस लघु अवधि कार्यक्रम को करवाने के लिए प्रशासन की अनुमति भी थी। जब चौरासी मंदिर परिसर में मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा था उसी दिन भरमौर स्थित हैलिपैड में कांग्रेस द्वारा जनसभा आयोजित की जा रही थी और ऐसे में कांग्रेसी नेता एबीवीपी के जागरूकता अभियान में पहुंचे लोगों की भारी संख्या को देखकर घबरा गए। उन्होंने कहा कि संगठन की इस संख्या से असहज कांग्रेस के नेता ने पुलिस व प्रशासन पर चुनाव आयोग के लिए ही किए जा रहे इस मतादाता जागरूकता कार्यक्रम को रुकवाने का दबाव बनाया।
एक ओर पुलिस छात्र प्रतिनिधियों व पुलिस के बीच वाद-विवाद चल रहा था उस समय स्थानीय लोग भी संगठन के पक्ष में जुटना आरम्भ हो गए। मामला बिगड़ता देख पुलिस वहां से निकल गई।
संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस को किसी शिकायत पर बिना किसी पड़ताल के कार्रवाई करने के स्थान पर पहले जांच कर लेनी चाहिए । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने निडरता व एकजुटता से अपना कार्य पूरी तरह से संपूर्ण किया । उन्होंने कहा कि एबीवीपी किसीके दबाव में आने वाला संगठन नहीं है।
उधर इस बारे में अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी नरेन्द्र चौहान ने कहा कि उनके पास चौरासी मंदिर में राजनीतिक गतिविधि चलाने की शिकायत पहुंची है। जिसकी जांच करने के लिए पुलिस गई थी। उन्होंने कहा कि चौरासी मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों को चलाने की अनुमति नहीं है।