वर्ष 1905 में आये भूकम्प जैसी सम्भावित आपदा के दौरान बचाव के सिखाए गुर

रोजाना24,चम्बा, 04 अप्रैल : 4 अप्रैल 1905 को आए भूकम्प में प्रदेश में हजारों लोगों की जान चली गई थी। इस त्रासदी को याद करते हुए जनजातीय क्षेत्र भरमौर के स्कूलों में छात्रों को आपदा प्रबंध के गुर सिखाए गए । राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खणी व कुठेड़ में इस संदर्भ में मॉक ड्रिल की गई । रावमापा कुठेड़ के प्रधानाचार्य कृष्ण पखरेटिया ने इस अवसर बच्चों को भूकम्प व आगजनी के दौरान स्वयं व अन्य लोगों के बचाव के तरीके सिखाए । उन्होंने कहा कि भूकम्प के दौरान घर के भीतर मेज,कुर्सी या अलमारी के नीचे छुपें । घर के भीतर छुपने के लिए के कुछ न हो तो सिर को किसी चीज से ढक लें ताकि किसी बारी वस्तु के गिरने पर सिर पर कम से कम चोट आए। अगर हो सके तो घर से बाहर की ओर खुले स्थान की ओर भाग जाएं ।

 उन्होंने कहा कि आगजनी की स्थिति में सहायता के लिए लोगों को आवाज लगाएं । अगर आग से घिरे किसी घर के कमरे में फंस जाने की स्थिति में गीले कपड़े से नाक मुंह ढककर फर्श पर झुक जाएं ताकि धुआं घुटन का कारण न बने ।

इस अवसर पर रावमापा खणी में भी इसी प्रकार के आयोजन किए गए व बच्चों ने आपदा प्रबंधन पर नारा,निबंध लेखन,चित्रकला,वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

प्रधानाचार्य लफटेन सिंह ने विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी।