रोजाना24,ऊना 16 जून : कृषि प्रधान जिला ऊना के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए वर्षा जल संग्रहण कर उसे सिंचाई के लिए उपयोग करने की योजना है। इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए जिला ऊना में कृषि विभाग के माध्यम से छह चैक डैम बनाने पर कार्य चल रहा है। इन चेक डैम में बारिश के पानी को इक्टठा किया जाएगा और संग्रहण किए गए पानी को सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 3.83 करोड़ रुपए की लागत से जिला ऊना में प्रस्तावित सात सामुदायिक जल संग्रहण चैक डैम के निर्माण के बाद 87.5 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के चताड़ा में 59.26 लाख रूपए की लागत से चैक डैम तैयार होगा। डैम निर्माण से 14 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जबकि डैम की जल भंडारण क्षमता 28,000 क्यूबिक मीटर होगी। वहीं दूसरा डैम 60.32 लाख रुपए की लागत से कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के कोठी में निर्मित होगा। इस चैक डैम में बारिश के पानी का संग्रहण किया जाएगा, जिससे 10 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मिलेगी। साथ ही सौर ऊर्जा से संचालित मोटर के माध्यम से पानी किसान के खेतों तक पहुंचाया जाएगा और कृषि विभाग सूक्षम सिंचाई योजना के तहत फुवारे या ड्रिप सिस्टम से सिंचाई का प्रावधान भी करेगा। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत डोहगी में भी 63.61 लाख रुपए की अनुमानित लागत से चैक डैम का निर्माण प्रस्तावित है, जिसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे क्षेत्र की दस हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
ग्राम पंचायत छपरोह कलां में भी 72.42 लाख रुपए की लागत से वर्षा जल संग्रहण संरचना का निर्माण किया जाएगा, जिसकी डीपीआर बनकर तैयार हो गई है तथा इससे 10.50 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। गगरेट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत भद्रकाली में भी 66.43 लाख रुपए की लागत से चैक डैम बनाया जाना है, जिससे 18 हेक्टेयर भूमि तथा अंब उपमंडल के तहत सनोह में 60.95 लाख की लागत से चैक डैम बनाया जाएगा। सनोह डैम से 25 हेक्टेयर भूमि तक पानी पहुंचाने का प्रस्ताव है। दोनों डैम की डीपीआर बनकर तैयार हो गई है।
किसान की आय दोगुना करने का प्रयास जिला में प्रस्तावित चैक डैम निर्माण के संबंध में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ऊना एक कृषि प्रधान जिला है। जिला में 43 हजार हैक्टेयर भूमि पर खेती होती है, लेकिन केवल 7840 हेक्टेयर भूमि पर ही सिंचाई की सुविधा प्राप्त है। ऐसे में जिला ऊना में बिना सिंचाई वाली भूमि तक पानी पहुंचाने के लिए कृषि विभाग द्वारा विशेष योजना तैयार कर छह चैक डैम बनाए जा रहे हैं। कंवर ने कहा कि केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार मिलकर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत हैं तथा इसी दिशा में किसान को खेती के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है। सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता के साथ किसान की आय में बढ़ौतरी होगी।