न्यूरोसर्जन एवं आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक की दरियादिली

चिकित्सकों ने मरीजों अथवा तिमारदारों के साथ दुर्व्यवहार किया ऐसी खबरें तो आप अक्सर पढ़ते होंगे.लेकिन किसी चिकित्सक ने सोशल मीडिया पर बीमार के ईलाज की गुहार सुन ली हो ! ऐसी घटना शायद ही सुनी हो.
आज दोपहर ही किसी फेसबुक पेज की पोस्ट को डॉ जनक राज के फेसबुक एकाऊंट पर टैग किया गया था.पोस्ट में लिखा गया था कि विस क्षेत्र हरोली के ईसपुर गांव में तेरह वर्ष की शिवानी नामक लड़की को कुछ माह पूर्व सिर में चोट लग गयी थी.परिवार गरीब होने के कारण सामान्य जांच के बाद वे उसका आगे उपचार नहीं करवा पाए जिस कारण बच्ची के सिर में पानी भरने लगा.आज वह जरा सा भी हिलती है तो वह असहनीय दर्द के कारण चीखें मारने लगती है.
इसमें लिखा गया है कि प्रदेश के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन एवं आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक ने जादुई ऑपरेशन कर कई लोगों का जीवन बचाया है,लिहाजा वे इस बच्ची की मदद करें.
इस पोस्ट को पढ़ने के तुरन्त बाद डॉ जनक राज ने बीमार बच्ची को आईजीएमसी शिमला पहुंचाने का अनुरोध किया है.
डॉ जनक राज ने कहा कि वे इस बच्ची की जांच करना चाहते हैं व जहां तक हो सकेगा बच्ची की मदद करेंगे.उन्होंने कहा कि वे किसी भी इन्सान को ऐसे दु:ख में नहीं देख सकते जिसके लिए वे मदद कर सकते हों.
सोशल मीडिया में उनके इस कदम की जमकर प्रशंसा हो रही है वहीं कुछ लोग सरकार द्वारा डॉ जनक राज को एमएस का पदभार देने को भी अच्छा कदम बता रहे हैं.लोगों का कहना है कि डॉ जनक राज सरीखे चिकित्सक बहुत कम हैं उनके हाथों में जादू है लिहाजा ऐसे लोगों का लाभ जरूरतमंद को जरूर मिलना चाहिए.