रोजाना24, चम्बा, 17 मार्च : उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि बैंक अपने ऋण- जमा अनुपात को बढ़ाने की दिशा में और बेहतर प्रयास करें। चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत तक चम्बा जिला का ऋण- जमा अनुपात 29.41 फ़ीसदी रहा। ये अनुपात भारतीय रिजर्व बैंक की नीति की तुलना में बहुत कम रहा जो 60 फीसदी है। उन्होंने कहा कि हालांकि गत वर्ष कोरोना संक्रमण का प्रभाव भी रहा, फिर भी ऋण- जमा अनुपात अपेक्षाकृत कम है। उपायुक्त ने यह बात आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा एवं परामर्श समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उपायुक्त ने कहा कि चम्बा जिला आकांक्षी जिला है। ऐसे में जिला को आकांक्षी जिला के दायरे से बाहर ले जाने में बैंकों की अहम भूमिका है। बैंक यह सुनिश्चित बनाएं कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीमों के तहत जो ऋण मामले सक्षम समिति द्वारा संस्तुति के बाद बैंक को भेजे जाते हैं, उन्हें संबंधित बैंक समयबद्ध तरीके से निपटाए। उपायुक्त ने कहा कि चम्बा जिला के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के तहत जो लक्ष्य तय किए गए हैं, उनकी तुलना में प्रगति संतोषजनक नहीं है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर पूरी गंभीरता बरतें और बैठक में तय किए गए लक्ष्यों के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने विभागों की प्रगति की निरंतर समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता वाली इस समिति में अग्रणी जिला प्रबंधक के अलावा संबंधित विभागों के जिला अधिकारी भी शामिल रहेंगे। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक में भेजे गए ऋण मामलों के त्वरित निपटारे के लिए उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक को इन बैंकों के साथ मासिक बैठक करने के लिए भी कहा। किसान क्रेडिट कार्ड और मुद्रा ऋण पर विशेष फोकस बनाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन को लेकर भी विशेष मुहिम चलाई जाए। मुहिम के तहत नवनिर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा। खंड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली मासिक बैठक में बैंक प्रतिनिधि भी अपनी मौजूदगी सुनिश्चित करें और वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन की जानकारी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ साझा करें। उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक को विभिन्न बैंकों में लंबित मामलों के निपटारे के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि बैंक शाखाओं और विभागों के बीच परस्पर समन्वय स्थापित रहे और सूचना का त्वरित आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके। उपायुक्त ने विभिन्न बैंकों के अधिकारियों को कहा कि लाभार्थी को किसी भी सूरत में अनावश्यक दिक्कतें न हों इस दिशा में बेहतर व्यवस्था का निर्माण किया जाए। उन्होंने बैंकों को शिक्षण संस्थानों में भी जनधन खाते खोलने के लिए कहा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिले की सभी 117 बैंक शाखाएं भी अपने स्तर पर एक- एक स्वयं सहायता समूह तैयार करके उन्हें वित्तीय तौर पर सुदृढ़ बनाने को लेकर कार्य करेंगी। उपायुक्त ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के परियोजना निदेशक एवं मिशन जिला प्रबंधक को निर्देश देते हुए कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा बनाए गए स्वयं सहायता समूहों में से व्यावहारिक तौर पर कार्यशील समूहों की सूची तैयार करके उनके वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करने की कार्य योजना तैयार करें। जिला स्तर पर इन स्वयं सहायता समूहों की निरंतर निगरानी का कार्य परियोजना अधिकारी डीआरडीए करेंगे जबकि संबंधित खंड विकास अधिकारी खंड स्तर पर यह दायित्व निभाएंगे। उपायुक्त ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैंक-वार लंबित मामलों की सूची भी जल्द साझा की जाए ताकि वित्तीय समावेशन के लक्ष्य हासिल किए जा सकें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि बैंक जिले में नई बैंक शाखाओं के खोलने और एटीएम की स्थापना के मामले भी इस बैठक के माध्यम से लाएं ताकि जिस क्षेत्र में अभी भी यदि बैंकिंग सुविधा की दरकार है वहां इसे मुहैया किया जा सके। उन्होंने कहा कि चंबा शहर में नए एटीएम की आवश्यकता है जो कोविड के मद्देनजर भी अपेक्षित है। बैंक उपायुक्त परिसर में भी एटीएम की स्थापना का प्रस्ताव लाए ताकि उस पर विचार किया जा सके। उपायुक्त ने जिले के हिमगिरी क्षेत्र में भी बैंक सुविधा शुरू करने के लिए सर्वे करने के लिए कहा। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के भवन निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि की उपलब्धता के मुद्दे पर उपायुक्त ने कहा कि राजस्व विभाग जिला मुख्यालय के समीप सरकारी भूमि चिन्हित करेगा। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक संबंधित राजस्व अधिकारी से संपर्क करें ताकि योजना को जल्द अमलीजामा पहनाया जा सके। विभागों द्वारा ऋण संबंधी मामलों को लेकर कुछ बैंक शाखाओं में हो रहे अनावश्यक विलंब का मुद्दा रखे जाने के बाद उपायुक्त ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जिस बैंक शाखा की बार-बार इस तरह की शिकायतें आएंगी उस बैंक शाखा के प्रबंधक को बैठक में तलब किया जाए। बैठक की कार्यवाही का संचालन अग्रणी जिला प्रबंधक भूपेंद्र कालिया ने किया। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रबंधक स्वर ग्रोवर के अलावा विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी, सरकारी व निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंधक भी मौजूद रहे।