औषधीय पौधों की खेती के लिए जिला ऊना में चिन्हित किए जाएंगे क्लस्टर – डीसी

रोजाना24,ऊना 8 फरवरी : जिला ऊना के प्रत्येक उप-मंडल में औषधीय पौधों की खेती के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद से किसानों के क्लस्टर चिन्हित किए जाएंगे। यह बात उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने संजीवनी पायलय परियोजना के संबंध में आज डीआरडीए सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि चिन्हित किए जाने वाले क्लस्टर को जिला प्रशासन ऊना की ओर से भरपूर मदद प्रदान की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक औषधीय पौधे उगाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधीयों की मांग बढ़ी है और जिला ऊना में भी कुछ औधषीय पौधों की खेती के लिए उपयुक्त वातारण है। उन्होंने कहा कि जिला में सर्पगंधा, अश्वगंधा, खसखस व काली गेंहू इत्यादि की खेती की जा सकती है, जिससे किसान लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण तथा तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। अगर किसान औषधीय पौधों की खेती रसायन मुक्त तथा प्राकृतिक खेती के रूप में करते हैं, तो इससे उन्हें काफी लाभ मिल सकता है। औषधीय पौधों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए कई संस्थान तैयार हैं, ऐसे में उन्हें मार्केटिंग के लिए किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। औषधीय पौधों की नर्सरी मनरेगा के माध्यम से तैयार की जा सकती है साथ ही पौधारोपण के लिए भी मनरेगा से मदद की जा सकती है। डीसी राघव शर्मा ने कहा कि बेहड़ जसवां में औषधीय पौधों की खेती करने वाला एक कलस्टर बेहतर ढंग से कार्य कर रहा है। किसान खाली पड़ी भूमि पर औषधीय पौधे लगा सकते हैं। जून माह में अधिकतर औषधीय पौधे लगाए जाते हैं तथा ऐसे में पौधारोपण से पहले पटवारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि किसानों की पूरी मदद करें, ताकि उन्हें बैंक से ऋण इत्यादि की सुविधा लेने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।राघव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए समूह बनाने होंगे, जिसमें एक किसान समूह के पास कम से कम 20 कनाल भूमि होनी चाहिए। एक समूह में किसान 15 किलोमीटर के दायरे में तीन गांव भी शामिल हो सकते हैं। गिरवी रखी गई भूमि पर भी औषधीय पौधों की खेती करने के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान जिला आयुष अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।बैठक में एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा, जिला आयुष अधिकारी डॉ. राजेश कुमार शर्मा, पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर सहित सभी बीडीओ तथा अन्य उपस्थित रहे।