रोजाना24,चम्बा 7 फरवरी : जनजातीय उपमंडल के गांवों में इन दिनों सामूहिक भोज परम्परा का निर्वहन किया जा रहा है । इस कड़ी में आज ग्राम पंचायत सचूईं के इसी गांव में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में गांव के बच्चों, युवा व बुजुर्गों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की । इसमें बच्चों ने ग्रामीण खेल गतिविधियों में भाग लिया तो युवाओं व बुजुर्गों ने परम्परानुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम किए । कार्यक्रम में महिलाओं ने गद्दी लिबास में डंगी व घुरैई प्रस्तुत कीं । इस दौरान गांव के युवकों ने सबके लिए भोजन तैयार किया । आयोजन में सब छोटे-बड़े व बुजुर्गों ने एक साथ बैठक कर अपने सुख दुख सांझा किये व समय के साथ हो रहे परिवर्तन पर चर्चा की ।
गांव के बुजुर्ग हिरदा राम ने कहा कि यह भोज वर्षों पुरानी परम्परा है जिसका निर्वहन आज के युवाओं द्वारा भी किया जा रहा है यह बात प्रशंसनीय है कि आधुनिकता के दौर में युवा अपने प्राचीन रीति रिवाजों को सम्मानजनक तरीके से निभा रहे हैं ।
ह्यूंदासी भोज के बारे मं जानकारी देते हुए समाज सेवी गोपाल दास ने कहा कि इस जनजातीय क्षेत्र के अधिकांश लोग सर्दियों में शीतकालीन प्रवास पर अपेक्षाकृत गर्म भूभागों की ओर पलायन कर जाते हैं । जिनकी भरमौर वापसी मार्च से अप्रैल माह के बीच होगी । इस दौरान यहां रहने वाले स्थानीय लोगों को ‘ह्यूंदासी’ कहा जाता है । शीतकाल काट रहे यह ह्यूंदासी लोग भारी बर्फ के कारण गांव से बाहर तो दूर गांव में भी एक दूसरे के घर तक कभी कभार ही जा पाते थे । ऐसे में एक दूसरे से मिलना व बात करना तक मुश्किल था । मुश्किल हालात के इन दिनों में खुशी का दिन मनाने के लिए ह्यूंदासी लोगों ने एक सामूहिक भोज के आयोजन का फैसला लिया था । जिसमें सभी लोग अपने घर से थोड़ा थोड़ा आनाज व पकाने के लिए आवश्यक सामग्री लाते व एक स्थान पर सभी एकत्रित होकर खूब नाच-गाना करते थे । तभी से यह परम्परा बादस्तूर जारी है ।
गांव के वरिष्ठ नागरिक रविंद्र कुमार ब्रतिया स्मृति पटल से कुछ टटोल कर बताते हैं कि आज ह्यूंदासी भोज आयोजन में कुछ परिवर्तन हो चुके हैं जिसका मुख्य कारण प्राचीन आनाज का न मिल पाना । प्राचीन भोज में मक्की के आटे के बने सिड्डू,चणै का भात व सुरापान कर व नाच गाकर कुछ पल खुशी से काट लेते थे । लेकिन आज खेतों से वो प्राचीन आनाज लुप्त हो गए हैं । इसलिए भोज में आज के जमाने के पकवान पकाए जाते हैं । लेकिन इस बात की खुशी है कि आज की पीढ़ी अपने पुराने रीति रिवाजों को सहेजने के लिए तैयार है ।
इस ह्युंदासी भोज के आयोजन की जिम्मेदारी गांव सुधार समिति सचूईं ने उठा रखी थी । समिति के प्रधान ओम प्रकाश,पूर्व प्रधान देशराज,पूर्व ग्राम पंचायत उप प्रधान सुमन कुमार,पूर्व पंचयत समिति सदस्य गुलशन नंदा,पुरषोतम कुमार,प्रवीण कुमार,विजय कुमार,अनू,सक्का,सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की ।