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कोविड संकट में 2 हजार रुपए प्रति मछुआरा दी गई आर्थिक सहायता,चम्बा जिला के 224 मछुआरे हुएलाभान्वित. .

रोजाना24,चम्बा : जिला चंबा के मछुआरे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19  के  इस दौर में  आर्थिक तंगी के हालातों से गुजर रहे हैं .लॉकडाऊन के कारण पूरे देश में  पिछले 2 महीनों से ज़्यादा समय से मछुआरों को रोजीरोटी के साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे । इस के दृष्टिगत हिमाचल सरकार ने मत्स्यिकी विभाग के अंतर्गत पंजीकृत एवम सक्रिय जलाश्य मछुआरों को दो-दो हज़ार रुपये प्रति मछुआरा कोविड रिलीफ फण्ड के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की है ।

यह आर्थिक सहायता वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के संकट के दौर में जिला के मछुआरों को मददगार साबित हुई है | जिला चम्बा के   224 मछुआरों को यह आर्थिक सहायता प्रदान कर के लाभान्वित किया है ।

 जानकारी देते हुए मत्स्यिकी विभाग चम्बा के सहायक निदेशक भूपिंद्र कुमार ने कहा कि 25 मार्च  2020 से 20 अप्रैल 2020 तक राज्य के जलाशयों में मछली पकड़ने व इस कार्य से जुड़े  अन्य व्यवसायिक गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा हुआ था, जिसकी वजह से मछुआरों की आजीविका का साधन बंद होने के कारण आर्थिक तंगी के हालात से सामना करना पड़ा है ।

मछुआरों की आर्थिक तंगी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 1 करोड़ सात लाख रुपये का आर्थिक पैकेज कोविड रिलीफ फण्ड के रूप में प्रदेश के मत्स्यिकी  व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिकी  को मजबूत करने के लिए प्रदान किया है,  ताकि आर्थिक संकट के इस दौर में आर्थिक रूप से कमज़ोर मछुआरों की मदद की जा सके ।

 सहायक निदेशक मत्स्यिकी  विभाग चंबा भूपिंद्र कुमार ने बताया की  जिला चम्बा के रणजीत सागर बांध जलाशय से  जुड़े  69 व चमेरा बांध जलाशय के 155 पंजीकृत एवम  सक्रिय मछुआरों को दो-दो हज़ार रुपये प्रति मछुआरा परिवार के हिसाब से 4 लाख  48 हजार की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की गयी है जो उनके बैंक खातों में जमा हो चुकी है, ताकि आर्थिक संकट के इस दौर में वे अपने परिवार का पालन पोषण  कर सकें । प्रदेश सरकार द्वारा दी गई यहआर्थिक सहायता आर्थिक रूप से कमजोर मछुआरों के लिए मददगार साबित हुई है.

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