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दुर्घटना के बाद बचाव और राहत कार्य के लिए तैयार होगा स्वास्थ्य केंद्रों का आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल.

रोजाना24,चम्बा : चंबा जिला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल तैयार किया जाएगा ताकि जिले के किसी भी हिस्से में होने वाली सड़क दुर्घटना के बाद बचाव और राहत के कार्य को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से और बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सके। उपायुक्त विवेक भाटिया ने आज भूरी सिंह संग्रहालय के सभागार में चंबा मेडिकल कॉलेज के महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुखों के अलावा जिला के खंड चिकित्सा अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के साथ मंगलवार को चंबा – पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई बस दुर्घटना के बाद बचाव और उपचार के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता के दौरान ये बात कही। 

उन्होंने कहा कि इस प्रोटोकॉल में इन तमाम स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध फर्स्ट रिस्पॉन्डर(जो सबसे पहले दुर्घटना के बाद एक्शन लेगा)  का नाम और कांटेक्ट नंबर रहना चाहिए ।फर्स्ट रिस्पांडर के मौजूद न होने की सूरत में सेकंड रिस्पांडर की जानकारी इस प्रोटोकॉल में दर्शाई जाए ताकि दुर्घटना की सूरत में तुरंत कम्युनिकेशन स्थापित करके आपदा प्रबंधन के कार्य को प्रभावी तरीके से पूरा किया जा सके।

उपायुक्त ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए कम्युनिकेशन और ट्रांसपोर्टेशन सबसे महत्वपूर्ण बिंदु रहते हैं।  जरूरत इस बात की है कि इन दोनों महत्वपूर्ण पहलुओं को आपदा  प्रबंधन के केंद्र में रखा जाए और उसी के अनुरूप कार्य योजना को कार्यान्वित करना सुनिश्चित होना चाहिए। 

दुर्घटना के बाद घायलों को किसी भी समय विशेषज्ञ चिकित्सकीय सुविधाएं मिलें,  इसके लिए चंबा मेडिकल कॉलेज में शुरुआत में 4 रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए कक्ष तैयार किए जाएंगे ताकि दुर्घटना के बाद उपचार के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों की तुरंत उपलब्धता बनी रहे।  

दुर्घटना के समय दुर्घटना स्थल और बाद में अस्पताल में व्यवस्था बनाने के मकसद से उपायुक्त ने साइट एवं ट्रैफिक प्रबंधन स्क्वायड बनाए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया।  उन्होंने कहा कि इस तरह के स्क्वाड में पुलिस,  होमगार्ड के अलावा चंबा मेडिकल कॉलेज के निजी सुरक्षाकर्मी भी शामिल रहेंगे।  दुर्घटना के बाद अविलंब रिस्पांस के लिए रैपिड रिस्पांस मेडिकल टीम गठित करने के भी उपायुक्त ने निर्देश दिए। इस टीम में होमगार्ड के जवानों के अलावा इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रशिक्षित वालंटियर रहेंगे। 

विवेक भाटिया ने चंबा मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी वार्ड से अनावश्यक चीजें हटाने के लिए भी कहा ताकि घायलों की इमरजेंसी ट्रीटमेंट के दौरान अवरोध पैदा ना हों। 

उपायुक्त ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को चंबा जिला का हेल्थ प्रोफाइल तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस तरह का हेल्थ प्रोफाइल बनने के बाद विश्लेषण में यह आंकड़े उपयोगी साबित हो सकते हैं और क्षेत्र विशेष को लेकर और कारगर चिकित्सकीय कार्य योजना पर काम किया जा सकता है। यह विश्लेषण भविष्य में चंबा मेडिकल कॉलेज के मेडिकल रिसर्च और ट्रीटमेंट प्लान में लाभकारी होंगे। उपायुक्त ने यह भी कहा कि कंपनी के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हो चुका है और जल्द ही चंबा में ट्रॉमा सेंटर की सुविधा भी लोगों को मिलेगी। इससे दुर्घटना में गंभीर घायल व्यक्तियों की क्रिटिकल हेल्थ केयर भी संभव होगी।  

बैठक में चंबा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी के अलावा उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ रामकमल,  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और चंबा मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों के एचओडी भी मौजूद रहे। 

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