रोजाना24,चम्बा : जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के नामक स्थान में शुरू किए गए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अन्यत्र शिफ्ट होने की खबरों क़े बाद क्षेत्र में खलबली सी मच गई है.ग्राम पंचायत खणी में लोग लगातार दो दिनों से बैठकें कर मामले में आगामी कार्यवाही की तैयारी कर रहे हैं.आज भी भारी संख्या में लोग खणी में बैठक कर चर्चा करते नजर आए.
अगर खणी में यह स्कूल बन पाना मुश्किल है तो फिर इसे कहां बनाया जाएगा इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.क्योंकि अभी केवल सी पी डब्ल्यू डी ने खणी में स्कूल के चिन्हित स्थान पर निर्माण कार्य में आने वाली मुश्किलों की रिपोर्ट सरकार को भेजी है.जबकि स्थानीय प्रशासन को एक बार फिर से भूमि चयन समस्या सामने आ खड़ी हुई है.स्कूल को पंचायत से बाहर निकलता जान ग्राम पंचायत खणी के लोगों ने संगठित होकर इसका स्थानांतरण रोकने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं.जिसके लिए भरमौर उपमंडल की 29 में से करीब 19 पंचायतों के लोगों ने खणी में ही इस स्कूल को बनाए जाने की मांग की है.जबकि स्कूल के लिए होली में जगह चयन किए जाने की खबर पर होली घाटी के लोगों में भी काफी उत्साह है.होली घाटी के बहुत से लोग स्कूल व सड़क के लिए भूमि देने के लिए भी तैयार दिख रहे हैं.
स्कूल के लिए अब जनजातीय क्षेत्र भरमौर दो हिस्सों में बंटता नजर आ रहा है.भरमौर मुख्यालय के आसपास की पंचायतों के लोग खणी में स्कूल बनाए जाने के पक्ष में हैं.अगर खणी में नहीं बन पाता तो भी भरमौर मुख्यालय के आसपास ही इसे निर्मित करने की मांग कर रहे हैं.लोगों का तर्क है कि मुख्यालय के पास स्कूल निर्माण करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से निर्माण सामग्री हर वक्त आसानी से कोई जा सकती है वहीं स्कूली बच्चों व अभिभावकों को सरकारी कार्यों से सम्बंधित व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति आसानी से होगी.
उधर होली घाटी के लोगों का तर्क है कि होली बड़ी उप तहसील होने के बावजूद यहां न महाविद्यालय,न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान व कोई और बड़ा संस्थान सरकार द्वरा खोला गया है.जबकि होली घाटी में स्कूल निर्माण के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है.होली घाटी में लोग स्कूल शिफ्ट होने को लेकर ज्यादा सकारात्मक दिख रहे हैं.क्योंकि भरमौर प्रशासन की टीम भी होली में स्कूल के लिए जगह देख चुकी है.
गौरतलब है कि यह आवासीय स्कूल इसी जनजातीय क्षेत्र में खोला जाना है.लेकिन लाखों रुपये खर्च करके कक्षाएं शुरू करने के बाद इस स्कूल को शिफ्ट करने का फैसला स्थानीय विधायक के आगामी चुनाव को प्रभावित कर सकता है.क्योंकि ऐसा ही मामला भरमौर विस क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकाल में भी घटित हो चुका है.उस वक्त छतराड़ी में महाविद्यालय खोलने की तैयारी चल रही थी लेकिन फाइलों का ऐसा खेल हुआ कि छतराड़ी में लोग कॉलेज खुलने का इंतजार करते ही रह गए और लिल्ह में महाविद्यालय खोल कक्षाएं भी शुरू हो गईं.और फिर इसका परिणाम कांग्रेस ने चुनाव हार कर भुगता.
क्या कहते हैं सरकारी अधिकरी इस चर्चित एकलव्य आवासीय विद्यालय के शिफ्ट होने के मामले में ?
संस्थान के प्रधानाचार्य विपिन कुमार बताते हैं कि नया स्कूल भवन निर्मित होने तक जिस स्थान पर कक्षाएं चलाई जा रही हैं वहां दो कक्षाओं को तो सम्भाला जा सकता है.लेकिन यहां हर वर्ष तीस से अधिक बच्चों की वृद्धि होगी वहीं स्टाफ सी संख्या भी आनुपातिक रूप से बढ़ती जाएगी जिसकारण इस अस्थाई भवन में स्कूल चलाना मुश्किल हो जाएगा.इसलिए नये भवन का जल्द निर्माण आवश्यक है.
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर पृथी पाल सिंह बताते हैं कि खणी में चयनित जगह कम है व जहां पेड़ों की संख्या भी अधिक है जबकि प्रशासन तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिली है.उन्होंने कहा कि सीपीडब्लयूडी द्वारा साईट को विकसित करने में अपेक्षाकृत ज्यादा धन खर्च होने की सम्भावना जताई है जिस कारण प्रशासन स्कूल के लिए अन्य जगह तलाश कर रहा है.
सीपीडब्लयूडी अधिशाषी अभियंता राकेश जिंदल बताते हैं कि उन्होंने खणी मैं स्कूल के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण कर पाया है कि उक्त स्थान पर स्कूल व आवासीय ढांचा तैयार करने से पूर्व भूमि को समतल करने में अत्याधिक धन राशी खर्च हो जाएगी जबकि स्कूल निर्माण के लिए 24 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं.उन्होंने कहा कि चयनित स्थान तक सड़क तक नहीं बनी ऐसे में वहां निर्माण सामग्री पहुंचाना भी मुश्किल है.अधिशाषी अभियंता ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज रहे हैं.चयनित स्थान पर स्कूल भवन बनाने का निर्णय सरकार लेगी.