खणी में नहीं रहेगा अब आदर्श एकलव्य आवासीय विद्यालय !

रोजाना24,चम्बा : हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष खुले चार एकलव्य विद्यालयों में से एक जनजातीय क्षेत्र भरमौर के खणी स्थित विद्यालय के स्थानांतरण की तैयारियां शुरू हो गई हैं.स्कूल स्थानांतरण की वजह खणी पंचायत के लोगों का असहयोग पूर्ण रवैया व स्कूल के लिए उपयुक्त जगह न होना माना जा रहा है.एक डेढ दशक से इस स्कूल में पढ़ने की आस लिए एक पीढ़ी तो मास्टर डिग्री भी प्राप्त कर चुकी है.केंद्र सरकार के सख्त निर्देशों के बाद ग्राम पंचायत खणी में स्कूल तो खुल गया लेकिन स्कूल तक पहुंचने लोगों ने सड़क के लिए भूमि देने में अड़ंगा फंसा दिया.जिस कारण ढांचागत निर्माण में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.वहीं जो जगह स्कूल के लिए चयनित की गई है.उसे भी बच्चों की सुरक्षा के मानकों के अनुरूप नहीं माना गया है.सरकार के आदेशों के बाद आखिरकार शुरू हो चुके इस स्कूल के स्थानांतरण की पुष्टि अतिरक्त जिलादंडाधिकारी भरमौर पृथीपाल सिंह ने भी कर दी है.उनका कहना है कि खणी के लिए स्वीकृत इस विद्यालय के भवन निर्माण के लिए काफी अड़चने पेश आ रही हैं.एक तो विद्यालय तक सड़क नहीं पहुंच पा रही है वहीं सर्दियों में पेयजल की समस्या भी मुद्दा है.

स्कूल को खणी से हटाने की खबर से उपमंडल में तीख़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.ग्राम पंचायत खणी के लोगों ने आज इस संदर्भ बैठक कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का फैसला किया है.पंचायत के उप प्रधान रिंकेश ठाकुर ने कहा कि स्कूल में इस वर्ष कक्षाएं बिठा दी गई हैं.वहीं स्कूल का ढांचा तैयार करने में करीब पचास लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं.वहीं स्कूल भवन का निर्माण के लिए चालीस से पचास पेड़ों को भी काटा गया है.उन्होंने कहा कि लाखों रुपये बरबाद करने के बात स्कूल को यहां से स्थानानंतरित करना उचित नहीं है.वे सामुहिक रूप से इसका विरोध करेंगे.

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पृथीपाल सिंह ने कहा कि स्कूल के लिए करीब 75 बीघा भूमि की आवश्यकता है जो कि खणी में नहीं है.खणी में भूमि अभी स्कूल के नाम पर रजिस्ट्री नहीं हुई है.वहीं वन विभाग की क्लीयरेंस भी नहीं आई है.उन्होंने कहा कि प्रशासन स्कूल के लिए बेहतर भूमि तलाश कर रहा है.जिसके लिए होली में काफी जगह है.उन्होंने कहा कि भरमौर में अन्य किसी भी सुरक्षित स्थान पर यह स्कूल बनाया जा सकता है लेकिन खणी में अब इसका निर्माण किया जाना मुश्किल है.

स्कूल के स्थानांतरण रोकने के लिए ग्राम पंचायत खणी के लोग जितना आक्रमक अब हो रहे हैं इतना अगर स्कूल तक सड़क निर्माण के लिए हुआ होता तो शायद ऐसी नौबत ही न आती.हो सकता है क्षेत्र के प्रभावशाली नेता इसका स्थानांतरण रुकवा भी लें लेकिन मौजूदा हालात में तो इस स्कूल के खुलने से स्वरोजगार के अवसर बढ़ने की सम्भावनाओं का इंतजार कर रहे लोगों के मन में ‘अब पछताय होत क्या जब चिड़िया युग गई खेत’ वाली लोकोक्ति जरूर जोर मार रही होगी.